नोटबंदी पर केंद्र सरकार का फैसला सही, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 02, 2023, 11:42 AM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने विंटर सेशन से पहले 7 दिसंबर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की थी.

डीएनए हिंदी: नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार का फैसला लगातार सवालों के घेरे में था. सुप्रीम कोर्ट में बीते 7 साल से इस केस पर सुनवाई चल रही थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि केंद्र के फैसले में खामी नहीं हो सकती क्योंकि रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच इस मुद्दे पर पहले विचार-विमर्श हुआ था. सुप्रीम कोर्ट आज 7 सालों से नोटबंदी को लेकर चल ही बहस को खत्म करते हुए सरकार के फैसले को सही ठहराया है.

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. इसके साथ ही नोटबंदी की प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी से साफ इनकार किया है. वहीं 500 और 1000 के नोटों पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को भी बरकरार रखने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला नोटबंदी के खिलाफ दाखिल 58 याचिकों पर सुनवाई के बाद लिया है.   

7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रख लिया था  सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने शीतकालीन छुट्टियों से पहले 7 दिसंबर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की थी. यहां सरकार ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर फैसले को सुरक्षित रख लिया था. साथ ही शीतकालीन सत्र की छुट्टियां खत्म होने के बाद कोर्ट खुलने पर फैसला सुनाने का आदेश दिया था. आज कोर्ट खुल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी पर सुरक्षित फैसले को सुनाएगी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद अगुवाई जस्टिस बीआर गवई कर रहे थे, जो मामले में फैसला सुना सकते हैं. उनके अलावा बेंच में 4 और जज शामिल थे. इनमें जज एस अब्दुल नज़ीर, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यन और बीवी नागरत्ना शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह देखने की कोशिश की है कि क्या सरकार ने सही में आरबीआई के नियमों का उल्लंघन किया है. 

इन नियमों के तहत सरकार ने लिया था नोटबंदी का फैसला

केंद्र सरकार ने आज से 7 साल पूर्व 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक ने अधिनियम 1934 की धारा 26(2) के तहत डिमोनेटाइजेशन का फैसला लिया था. यह अधिनियम सरकार को वित्त से जुड़े फैसले लेने की अनुमति देता है. 

नोटबंदी याचिकाओं पर 5 दिन चली सुनवाई

नोटबंदी के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैच ने पांच दिन तक सुनवाई की. इसमें सबसे पहले याचिका और सीनियर वकील चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर नोटबंदी को सबसे खराब निर्णय बताया. उन्होंने कहा कि यह सबसे खरा प्रक्रिया थी. इसमें कई गलयतियां भी थी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला मजाक करने जैसा है. उन्होंने कहा कि यह देखने वाली बात है कि नोटबंदी से पहे आरबीआई ने इतनी बड़ी करेंसी प्रभावित करने से पहल विचार किया या नहीं.

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