डीएनए हिंदी: महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने निर्भया फंड से गाड़ियां खरीदी थी, लेकिन इन गाड़ियों से महिलाओं की सुरक्षा की जगह विधायक और एमपी की सुरक्षा में लगा दिया गया. हालांकि इसकी वजह वाई सुरक्षा में पुलिस के पास गाड़ियां न होने की वजह को बताया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, निर्भया फंड से महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जून माह में मुंबई पुलिस ने 220 बोलेरो गाड़ियां, 35 अर्टिगा गाड़ियां, 200 एक्टिवा, 313 पल्सर मोटर साइकिल बाइक मिली थी. यह वाहन प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ किसी भी अपराध की सूचना मिलने पर तुरंत पहुंचने के लिए लिया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल महिलाओं की जगह शिंदे सरकार के मंत्री, सांसद और विधायकों की सुरक्षा में किया गया. इन वाहनों को शिंदे सरकार के नेताओं की सुरक्षा में लगा दिया गया.
2013 में बनाया गया था निर्भया फंड
महाराष्ट्र सरकार ने आज से 9 साल पूर्व 2013 में निर्भया फंड बनाया था. इस फंड के लिए सरकार हर साल फंड देती है. इसमें आने वाले फंड को प्रदेश की महिलाओं के अपराधों के खिलाफ और उनकी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए किया जाता है. इसी फंड से महिलाओं की सुरक्षा के लिए जून माह में मुंबई पुलिस को करीब 750 चार पहिया और दोपहिया वाहन दिए थे, लेकिन इन वाहनों को महिलाओं की सुरक्षा की जगह मंत्रियों की सुरक्षा में लगा दिया गया है.
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वीआईपी सुरक्षा को पूरा करने के लिए किया गया ऐसा
सूत्रों की मानें तो मुंबई पुलिस अधिकारियों ने अपने पास वाहन न होने पर निर्भया फंड से मिले वाहनों को ही मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की सुरक्षा में लगा दिया, जिसका पता लगते ही विपक्ष ने भी धीरे धीरे बवाल शुरू कर दिया है.
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