आप (AAP) की नेता और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) के साथ मारपीट और बदतमीजी मामले को लेकर तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई चल रही है. ये सुनवाई इस मामले के मुख्य आरोपी विभव कुमार (Bibhav Kumar) की जमानत याचिका को लेकर हो रही है. इस दौरान स्वाति मालीवाल अपने पक्ष में बोलते हुए रोने लगीं. विभव कुमार दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पूर्व पीए हैं, और उनके बेहद नजदीकी माने जाते हैं.
विभव कुमार के बचाव में रखी गई बातें
विभव कुमार के वकील ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि 'स्वाति मालीवाल ने हंगामे के लिए जान-बूझकर सीएम हाउस में मौजूद ड्राइंग रूम का एरिया चुना. उन्हें पता था कि उस जगह पर सीसीटीवी का कैमरा नहीं लगा है. इससे उनके लिए आरोप लगाना आसान हो गया. एक हिसाब से ये सारी चीजें तयशुदा थीं. विभव के इमेज को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. स्वाति के अनुसार सीएम केजरीवाल से उन्हें विभव ने नहीं मिलने दिया. साथ ही हादसे के दिन स्वति की मेडिकल जांच भी नहीं कराई गई थी.'
सुनवाई के दौरान कौरवों और द्रौपदी का हुआ जिक्र
आगे विभव कुमार के वकील ने कहा कि 'जिस तरह का धारा मेरे मुवक्किल पर डाले गए हैं. उसका अर्थ है कि ये हमला निर्वस्त्र करने के उद्देश्य से किए गए थे. उनका कहना है कि उनकी शर्ट ऊपर उठ गई थी. लेकिन निर्वस्त्र करने का उद्देश्य दूसरी बात है. यदि प्राचीन काल की बात करें ऐसा अपराध कौरवों ने किया था, उनके द्वारा द्रौपदी का चीरहरण किया गया था. लेकिन इस केस में निर्वस्त्र करने का कोई उद्देश्य नहीं है.
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सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ने क्या सब कहा?
विभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ने अपना पक्ष सकते हुए कहा कि जैसे ही मैंने FIR दर्ज कराई, उनके नेताओं की ओर से एक दिन में कई कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुझे बीजेपी का एजेंट का कहा गया. दिल्ली सीएम विभव को लेकर मुंबई और लखनऊ गए. इनके पास ट्रोलिंग की पूरी फौज मौजूद है. पार्टी जे नेताओं से कहा गया कि जो स्वाति मालीवाल का साथ देगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा. विभव कोई आम आदमी नहीं है. जो सुविधाएं किसी मंत्री भी उपलब्ध नहीं है, वो उसे हासिल है. अगर विभव को जमानत मिलती है, वो बाहर आता है तो मुझे और मेरे परिवार को उससे जान का खतरा है.'
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