डीएनए हिंदीः चांदनी रात में ताजमहल का दीदार करने की ख्वाहिश पर्यटकों में खासी रहती है. शरद पूर्णिमा पर हर साल रात में पर्यटकों के लिए ताजमहल को खोला जाता है. हर साल 5 दिन पर्यटक चांदनी रात में ताजमहल देखने आते हैं लेकिन इस बार सिर्फ 4 रात ही ताजमहल को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा. इस बार 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है. ताज रात्रि दर्शन के पहले दिन शुक्रवार पड़ने की वजह से स्मारक बंद रहेगा.
1984 में बंद हुए रात्रि दर्शन
बता दें कि साल 1984 तक शरद पूर्णिमा के दिन ताजमहल में भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे. इसके बाद सुरक्षा कारणों से इसे बंद कर दिया गया. करीब 20 साल तक रात्रि दर्शन बंद रहे. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी. ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए खोलने की अनुमति तो दे दी गई लेकिन इसके लिए कुछ नियम भी तय हो हुए. समय से लेकर पर्यटकों की संख्या में कटौती कर दी गई.
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सिर्फ 5 दिन की मिलती है अनुमति
शरद पूर्णिमा पर सिर्फ 5 दिन के लिए ताजमहल को रात में पर्यटकों के लिए खोला जाता है. इसमें (पूर्णिमा, पूर्णिमा से दो दिन पूर्व व दो दिन बाद तक) ताज रात्रि दर्शन होता है. इस बार 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिका के दिन रविवार है. इस बार ताजमहल को 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक खोला जाना था लेकिन 7 अक्टूबर को शुक्रवार होने के कारण ताजमहल बंद रहेगा. ऐसे में सिर्फ 4 रात ही पर्यटक रात्रि दर्शन कर सकेंगे.
कैसे होंगे रात्रि दर्शन?
रात्रि दर्शन के लिए एक दिन पहले एएसआई के माल रोड स्थित आफिस से टिकट बुक कराने होंगे. एक दिन में सिर्फ 400 पर्यटकों को ही अनुमति दी जाती है. पर्यटक 50-50 से बैच में ताजमहल के अंदर जाते हैं. एक बैच के सिर्फ 30 मिनट रहने की इजाजत होती है. पर्यटक रात 8:30 से 12:30 बजे तक ताजमहल में रहते हैं. रात्रि दर्शन के लिए विदेशी का टिकट 750, भारतीय का 510 और बच्चों का 500 रुपये का है.
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क्यों पड़ा चमकी नाम?
बता दें कि शरद पूर्णिना पर ताजमहल के रात्रि दर्शन को चमकी कहा जाता है. सफेद संगमरमर से बने ताजमहल पर जब शरद पूर्णिमा पर चांद की दूधिया रोशनी पड़ती है तो इसका सौंदर्य और निखर उठता है. ताजमहल की पच्चीकारी में रंगीन कीमती पत्थर लगे हैं जो चांद की रोशनी एक खास एंगल पर पड़ने पर चमकते हैं. इन नगीनों का चमकना ‘चमकी’ के नाम से चर्चित हो गया.
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