तमिलनाडु के तंजावुर में कोर्ट ने मंगलवार को बच्चों का यौन उत्पीड़न करने और पैसा कमाने के लिए अश्लील कृत्यों का वीडियो इंटरनेट पर पोस्ट करने के मामले में एक पीएचडी छात्र को उम्रकैद की सजा सुनाई. इतना ही नहीं कोर्ट ने पांच अलग-अलग मामलों में भी सजा सुनाई. हालांकि ये सभी सजा एकसाथ चलेंगी.
अधिकारियों ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत तमिलनाडु के 35 साल के पीएचडी छात्र विक्टर जेम्स राजा को नाबालिग पीड़ितों का यौन उत्पीड़न के दौरान गुरुतर प्रवेशन यौन हमलों के पांच अलग-अलग अपराधों के लिए कुल 6 लाख 54 हजार रुपये के जुर्माना लगाया. उन्होंने बताया कि अदालत ने उसे प्रत्येक पीड़ित को 4 लाख रुपये देने का भी निर्देश दिया.
अधिकारियों के मुताबिक, यह फैसला सीबीआई द्वारा राजा के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने के करीब 14 महीने बाद आया. उन्होंने बताया कि आरोप-पत्र पिछले साल मई में दायर किया गया था, जब CBI ने उसे पांच से 18 साल की उम्र के आठ बच्चों का यौन उत्पीड़न करने और इंटरनेट पर इन कृत्यों के आपत्तिजनक वीडियो बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
उन्होंने कहा, ‘यौन शोषण के कृत्यों में प्रवेशन यौन हमले, यौन शोषण की डिजिटल रिकॉर्डिंग, नाबालिग पीड़ितों को आपराधिक धमकी देना, नाबालिग पीड़ितों को अन्य नाबालिग पीड़ितों और आरोपियों के साथ यौन गतिविधियां करने के लिए मजबूर करना और उकसाना शामिल है.
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4 साल से बच्चे का कर रहा था यौन शोषण
तमिलनाडु के तंजावुर में पॉक्सो अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप-पत्र में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया था कि राजा पिछले 4 वर्षों से एक बच्चे का यौन शोषण कर रहा था. सीबीआई ने उसके घिनौने अपराधों का पर्दाफाश तब हुआ जब उसे इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आईसीएसई) डेटाबेस से बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) की तस्वीरें और वीडियो मिले.
विशेष उपकरणों का उपयोग करके फोरेंसिक विश्लेषण ने सीबीआई को तंजावुर जिले तक पहुंचाया. बयान में कहा गया कि आरोपी के कई परिसर की तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद हुए. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और वह न्यायिक हिरासत में है. जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि राजा ने कई सालों तक आठ बच्चों (लड़के और लड़कियों समेत) का यौन उत्पीड़न किया. (PTI इनपुट के साथ)
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