डीएनए हिंदी: तमिल फिल्मों के हीरो और डीएमके विधायक उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) 14 दिसंबर को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके पिता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (M.K.Stalin) ने उदयनिधि को मंत्री पद की शपथ दिलाने की सिफारिश राज्यपाल एन रवि (N. Ravi) से की थी. सीएम की सिफारिश को स्वीकार करते हुए राजभवन ने जानकारी दी कि उदयनिधि का शपथग्रहण 14 दिसंबर को दरबार हॉल में होगा. इस आयोजन को उदयनिधि की राजनीतिक ताजपोशी के तौर पर पेश करने की कोशिशें की जा सकती हैं. हालांकि इस ऐलान के बाद से ही डीएमके (DMK) पर वंशवाद और परिवारवाद को बढ़ावा देने के भी आरोप लगने लगे हैं.
उदयनिधि तमिलनाडु की चेपाक्कम-तिरुवल्लिकेनी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. रिपोर्ट के अनुसार अपने पिता की कैबिनेट में उन्हें युवा कल्याण और खेल मंत्रालय दिया जाएगा. बता दें कि डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. डीएमके साथ कांग्रेस भी गठबंधन में है.
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चुनाव में निभाई थी अहम भूमिका
उदयनिधि स्टालिन को लेकर कहा जाता है कि अपने विधानसभा क्षेत्र चेपाक्कम-तिरुवल्लिकेनी के अलावा पूरे प्रदेश में पार्टी के लिए राजनीतिक माहौल बनाने में उनकी अहम भूमिका थी. विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद से उदयनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्रों की शिकायतों को दूर करने के लिए घर-घर गए जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.
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फिल्म प्रोजेक्ट को लेकर थे व्यस्त
गौरतलब है कि उदयनिधि दक्षिण भारत की सबसे प्रभावशाली फिल्म कंपनियों में से एक के प्रमुख हैं. उनकी उम्र करीब 45 वर्षीय है और वे तमिल कैलेंडर के अनुसार शुभ माने जा रहे 14 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ लेंगे. खबरें हैं कि वे काफी पहले ही मंत्री पद की शपथ ले सकते थे लेकिन असल में अपने फिल्म उद्योग को लेकर व्यस्त थे जिसके चलते उनके शपथ ग्रहण को टाला जा रहा था.
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एम के स्टालिन ने मंत्री बनने के लिए किया था लंबा इंतजार
इसे इत्तफाक ही कहेंगे कि अपने पिता एम करुणानिधि की कैबिनेट में शामिल होने में एम के स्टालिन को राजनीतिक करियर के दौरान काफी लंबा समय लगा था. स्टालिन जब 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके थे, तब उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया था. इसको लेकर परिवार के दो सदस्यों ने बताया कि उदयनिधि की मां नहीं चाहती थीं कि उनके बेटे को भी मंत्री पद हासिल करने में पिता की तरह ही समय लगे. बता दें कि वे अभी पहली बार ही विधायक बने हैं.
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