डीएनए हिंदी: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच भारतीय वायुसेना सैन्य अभ्यास करने जा रही है. सेना के फाइटर जेट 48 घंटों तक चीन से सटी सीमाओं पर दहाड़ने वाले हैं. टॉप रेंज के सभी लड़ाकू विमान इस युद्ध अभ्यास का हिस्सा होने वाले हैं. वायुसेना इन इलाकों में तैनात सभी हथियारों का प्रदर्शन करने जा रही है. भारतीय वायुसेना सीधे तौर पर तवांग सेक्टर से इसका कनेक्शन होने से इनकार भले ही कर रही है लेकिन यह युद्ध अभ्यास चीन को सीधी धमकी है कि भारतीय सीमा पर मंडराए तो अंजाम ठीक नहीं होगा. वायुसेना मुस्तैद है.
भारतीय वायुसेना का मकसद अपनी युद्ध क्षमताओं और सैन्य तैयारियों को परखना है. हालांकि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस अभ्यास की योजना बनाई गई थी और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है
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कौन-कौन से फाइटर जेट सीमा पर दहाड़ेंगे?
सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI और राफेल जेट समेत कई अत्याधुनिक विमान इसमें हिस्सा लेने वाले हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र में वायुसेना के सभी एडवांस एयर बेस और कुछ एडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स (ALG) को भी अभ्यास में शामिल किया जाना है.
हर गतिरोध से निपटने के लिए तैयार सेना
सेना और वायुसेना अरुणाचल और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पूर्वी लद्दाख विवाद के बाद से पिछले दो साल से एक्टिव मोड में आ गई हैं और खुद को लगातार बेहतर करने की कोशिशों में जुटी हैं. भारतीय वायुसेना हर प्रतिरोध से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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चीन ने बढ़ाई हवाई गतिविधी ने भारत ने उतारे फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में LAC पर भारतीय हिस्से में चीन की बढ़ती हवाई गतिविधियों के बाद अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया था. सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में चीन द्वारा ड्रोन सहित कुछ हवाई प्लेटफार्म की तैनाती तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने के लिए नौ दिसंबर को किए गए चीनी सेना के प्रयासों से पहले हुई थी.
चीन की हर गतिविधि पर भारत की नजर
सूत्रों के मुताबिक चीनी ड्रोन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के काफी पास आ गए थे जिसकी वजह से भारतीय वायुसेना को अपने युद्धक विमान उतारने पड़े थे और अपनी तैयारियों को बढ़ाना पड़ा था. इस बीच एलएसी पर चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प का एक पुराना वीडियो कथित रूप से सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हो रहा है. यह वीडियो 9 दिसंबर की घटना के संदर्भ में सामने आया. लेकिन अधिकारियों ने कहा कि यह वीडियो पुराना है. चीन हर मौके पर घिरने के लिए तैयार है.
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