China Border पर नहीं है कोई समुद्र, फिर भी Indian Navy कर रही सुरक्षा, समझिए गेम प्लान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 19, 2022, 03:36 PM IST

India China Border

India China Tawang Clash: भारतीय नेवी के लिए निगरानी रखने का काम करने वाले ड्रोन और एयरक्राफ्ट इन दिनों भारत-चीन सीमा पर तैनात किए गए हैं.

डीएनए हिंदी: भारत और चीन की सीमा पर कोई समुद्र नहीं है. लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक ज्यादातर पहाड़ी और पठारी क्षेत्र ही है. इसके बावजूद भारत की जलसेना यानी इंडियन नेवी (Indian Navy) इस समय देश की सुरक्षा में लगी हुई है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसा (Tawang Clash) के बाद इंडियन नेवी के विमानों को तैनात किया है. इंडियन नेवी के सी गार्डियन ड्रोन्स को भारत-चीन सीमा पर निगरानी के लिए लगाया गया है. इसके अलावा, लॉन्ग रेंज पेट्रोल एयरक्राफ्ट P-8I भी लगातार नजर बनाए हुए हैं.

लंबे समय से चीन ने सीमा से सटे इलाकों में अपने आधारभूत ढांचों को मजबूत करने का काम शुरू कर रखा है. कई इलाकों में उसने पूरे के पूरे गांव बसा दिए हैं. चीन की ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना ने नेवी के हवाई जहाज तैनात किए हैं. ये एयरक्राफ्ट आमतौर पर समुद्रों और महासागरों में लंबी दूरी तक निगरानी रखने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं. P-8I और सी गार्डियन ड्रोन की खासियत है कि ये विमान लंबे समय तक और काफी दूरी तक जाकर उड़ान भर सकते हैं.

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रात में भी फोटो खींच लेते हैं ये विमान
निगरानी रखने के लिए खासतौर पर बनाए गए इन विमानों में HD कैमरे लगे हैं जो इलेक्ट्रो ऑप्टिक और अन्य आधुनिक सेंसर की मदद से रात में भी अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें ले सकते हैं. फिलहाल इन विमानों को भारत और चीन की सीमा पर तैनात किया गया है. बताया गया है कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुई घटनाओं के बाद से ही इन विमानों की तैनाती कर दी गई थी.

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मौजूदा समय में एलएसी के पश्चिमी फ्रंट यानी लद्दाख और पूर्वी फ्रंट में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में मौजूद सीमाओं पर लगाया गया है. एलएसी पर पिछले कुछ समय से दोनों ही देशों ने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. चीन की तैयारियों को देखते हुए भारत ने भी अपने मूलभूत ढांचों के साथ-साथ सैन्य ठिकानों को बढ़ाना शुरू कर दिया है.

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