डीएनए हिंदी: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम की तैयारी अंतिम चरण में चल रही है. पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को उद्घाटन से पहले 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान भी शुरू किया है. इस अनुष्ठान के तहत वह 22 जनवरी तक व्रत करेंगे. इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव का राम मंदिर को लेकर एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को राम जी अयोध्या नहीं आएंगे.
एक कार्यक्रम के दौरान तेज प्रताप यादव ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुझे सपने में राम जी ने आकर बताया है कि वह 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आ रहे हैं. तेज प्रताप ने कहा कि ई सब ढोंग कर रहा है, हम उस दिन ऐबे नहीं करेंगे. जब चुनाव आता है तो मंदिर आगे आ जाता है. चुनाव खत्म होते ही मंदिर को पूछा नहीं जाता. उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों की तरह मुझे भी राम सपने में आए थे.
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पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं तेज प्रताप यादव
यह पहली बार नहीं है, जब तेज प्रताप यादव ने इस तरह के बयान दिए हैं. इससे पहले उन्होने दावा किया था कि उनके सपने में स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव थे. साइकिल से ऑफिस पहुंचे तेज प्रताप यादव ने बताया था कि सुबह 9 बजे जब सो रहा था. तभी नेताजी मुलायम सिंह सपने में दिखे. मुलायम सिंह ने उनसे बहुत सी बातें कीं. उन्हें गले लगाया. इतना ही नहीं मुलायम सिंह ने उनके साथ साइकिल भी चलाई. इससे उन्हें साइकिल से दफ्तर आने की प्रेरणा मिली. इतना ही नहीं, इससे पहले उन्होंने एक वीडियो शेयर कर कहा था कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं उनके सपने में आए थे.
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22 जनवरी राम मंदिर में बिराजेंगे राम लला
22 जनवरी के दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है. इस दिन भगवान राम अपनी जन्मभूमि पर लंबे समय बाद विराजेंगे. उसको लेकर अयोध्या सहित पूरे देश मे दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर है. इस बीच राम मंदिर को लेकर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि धर्म निजी मामला है लेकिन BJP/RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है. यह कार्यक्रम भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है, इस वजह से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इसमें शामिल नहीं होंगे. इससे पहले उत्तराखंड के ज्योतिर मठ के प्रमुख अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा की थी कि चारों शंकराचार्यों में से कोई भी राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.उन्होंने कहा कि अधूरे मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा करना शास्त्रों का साफ उल्लंघन है.
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