डीएनए हिंदी: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले सप्ताह उनके दिल्ली स्थित आवास पर आधे घंटे में ही छापेमारी खत्म कर दी थी, लेकिन वो ऊपर से आदेश मिलने की प्रतीक्षा करते हुए घर में ही रुके रहे. तेजस्वी ने राज्य की विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अपराध से अर्जित 600 करोड़ रुपये के बारे में पता चलने के ईडी के दावे को भी खारिज कर दिया.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनकी विवाहित बहनों और उनके ससुराल वालों के इस्तेमाल किए हुए आभूषणों की तस्वीरें लेकर उन्हें बरामदगी के तौर पर दिखाया गया. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता चुटकी लेते हुए कहा, 'चाहे गृह मंत्री अमित शाह हों या कोई और इन एजेंसियों की एक ही पटकथा बार-बार दोहराने वाले निर्देशक को अब बदल दिया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हम भाजपा-संघ के फर्जी ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस वाले नहीं, बल्कि वास्तविक जन विज्ञान वाले समाजवादी लोग हैं. हम वास्तविक राजनीति करने वाले हैं और इसके लिए हमारे पास दृढ़ विश्वास व जनता का समर्थन है. लेकिन वे डरे हुए हैं, और राजनीतिक लड़ाई से दूर भागने की कोशिश कर रहे हैं.
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बंगाल जैसा कानून बनाए नीतीश कुमार
आरजेडी ने मांग की कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को देखते हुए बिहार की नीतीश कुमार सरकार सीबीआई को दी गई आम मंजूरी पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की तर्ज पर वापस ले. राजद नेता ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया. उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी की कार्रवाई की पृष्ठभूमि में यह विषय उठाया.
आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी से कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने ऐसे कानून बनाए हैं जिसके तहत सीबीआई राज्य सरकार से मंजूरी लिए बिना कोई भी जांच नहीं कर सकती. बिहार को भी ऐसा करना चाहिए.
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