डीएनए हिंदी: बिहार की राजनीति में एक बार फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पलटी मारी तो वहीं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tewjashwi Yadav) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन पर आरोप है कि वे ज़मीन के बदले नौकरी देने का घोटाला कर चुके हैं और सीबीआई उन्हें अब इन्हीं के आधार पर गिरफ्तार भी कर सकती है.
दरअसल, जमीन के बदले नौकरी के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर सूत्रों क कहना है कि CBI के पास तेजस्वी यादव के खिलाफ 'मजबूत सबूत' हैं और CBI उम्मीदवारों की जानकारी जुटाने के लिए रेलवे को पत्र लिख सकती है. इसके आधार पर तेजस्वी यादव के खिलाफ जांच को और तेज किया जा सकता है.
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सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी के पास एक हार्ड डिस्क है, जिसमें 1,458 उम्मीदवारों की सूची है. इन उम्मीदवारों ने कथित तौर पर नौकरी के बदले यादवों को अपनी जमीन दी थी. उन्होंने बताया कि सूची लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी ने तैयार की थी. गौरतलब है कि CBI ने रेड के दौरान डिस्क जब्त की थी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ था और अब इसमें तेजस्वी यादव बुरे फंसते नजर आ रहे हैं.
वहीं एक अहम बिंदु यह भी है कि सीडी में जिन 1,458 लोगों का जिक्र है उनमें से 16 का सत्यापन हो चुका है और अब तक CBI की जांच में यह सही साबित हुई है. सूत्रों ने बताया कि जांच के अगले चरण में एजेंसी रेलवे कर्मचारियों के गलत कामों को भी देखेगी और किसी मौके पर तेजस्वी यादव को भी गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि उनके खिलाफ मिले सबूत 'काफी मजबूत' हो चुके हैं.
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वहीं एक तरफ CBI और ईडी उनके खिलाफ अपनी कार्रवाई सख्त कर रही हैं तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव केंद्र सरकार ताबड़तोड़ हमले भी कर रहे हैं. तेजस्वी का आरोप है कि बिहार में NDA सरकार गिरने के बाद से ही केंद्र सरकार CBI और ED का राजद के खिलाफ प्रयोग कर रही है.
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