तेलंगाना में बिना इजाजत जांच नहीं कर पाएगी CBI, राज्य ने वापस ली आम सहमति!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 30, 2022, 09:23 PM IST

CBI Raids On Arvind Mayaram

कई राज्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की बात कहकर CBI जांच की आम सहमति वापस ले रहे हैं. तेलंगाना भी ऐसे राज्यों में शुमार हो गया है.

डीएनए हिंदी: तेलंगाना सरकार (Telangana) ने राज्य में CBI को गंभीर मामलों की जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले ली है. इसके साथ ही प्रदेश उन कई गैर-भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्यों की सूची में शुमार हो गया है जिसने केंद्रीय एजेंसी को मामलों की जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. 

राज्य सरकार की ओर से 30 अगस्त को जारी एक आदेश के अनुसार, तेलंगाना में प्रत्येक मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी को प्रदेश की पूर्व अनुमति लेना जरूरी कर दिया गया है. 

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2 महीने पहले जारी हुआ था आदेश

सरकारी आदेश दो महीने पहले जारी किया गया था, लेकिन यह शनिवार को तब सार्वजनिक हुआ जब अतिरिक्त महाधिवक्ता ने तेलंगाना उच्च न्यायालय को तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली भारतीय जनता पार्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी. 

सरकारी आदेश में कहा गया है, 'तेलंगाना सरकार इसके द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 (1946 का केंद्रीय अधिनियम XXV) की धारा छह के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी पिछली सभी आम सहमति वापस लेती है.'

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हाल के दिनों में कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ टीआरएस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग के कारण दोनों दलों के मध्य कटुता बढ़ी है तथा इसके बाद राज्य सरकार का यह फैसला सामने आया है. 

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बीजेपी ने दिल्ली के आबकारी नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का नाम भी घसीटा. इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं. हालांकि, कविता ने आरोपों से इनकार किया है. मुख्मयंत्री ने 31 अगस्त को बिहार की राजधानी पटना में कहा था कि सभी राज्यों को CBI को दी गई आम सहमति वापस ले लेनी चाहिए. 

किस कानून के तहत CBI को जांच के लिए लेनी होती है अनुमति?

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून, 1946 की धारा छह के अनुसार, सीबीआई को जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की आवश्यकता होती है. अगर आम सहमति वापस ले ली जाती है तो एजेंसी को कोई भी मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है.

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इन राज्यों ने वापस ली है आम सहमति

पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय समेत आठ राज्यों ने सीबीआई से उनके न्यायाधिकार क्षेत्र में मामलों की जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली है. महाराष्ट्र ने पहले सहमति वापस ली थी, लेकिन बाद में यह फैसला रद्द कर दिया था. इससे पहले एएजी ने अदालत को बताया कि सरकार के गृह (विशेष) विभाग ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून-1946 की धारा छह के तहत दी गई पहले की सभी आम सहमति को वापस ले लिया. (इनपुट: भाषा)

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