बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नई सरकार नए तेवर में है. अंतरिम सरकार ने अलग-अलग देशों में नियुक्त राजदूतों को वापस बुलाने का फरमान जारी किया है. मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अमेरिका, रूस, जापान, मालदीव, जर्मनी, साउदी अरब और दुबई में नियुक्त राजदूतों को वापस बुलाने का आदेश दिया है. बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश के विदेश मंत्रालय ने 14 अगस्त को एक आदेश जारी किया. मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित अधिसूचनाओं में यह भी कहा गया है कि राजदूतों और उच्चायुक्त को ढाका स्थानांतरित कर दिया गया है. इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप अपना वर्तमान कार्यभार छोड़कर तुरंत ढाका लौट आएं."
7 देशों के राजदूतों को वापसी का फरमान
सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली से बांग्लादेश हाई कमान के कई कर्मचारियों को भी वापस ढाका बुलाया गया है. तो वहीं, ओटावा में काउंसलर अपर्णा रानी पाल और काउंसलर मोबाशविरा फरजान मिथिला को भी वापस लौटने का नोटिस जारी किया है. वाशिंगटन में राजदूत मोहम्मद इमरान को, रूस में राजदूत कमरुल हसन को, सऊदी अरब में राजदूत जावेद पटवारी को, जापान में राजदूत शहाबुद्दीन अहमद को, जर्मनी में राजदूत मोशर्रफ हुसैन भुइयां को, यूएई में राजदूत अबू जफर को और मालदीव में उच्चायुक्त रियर एडमिरल एसएम अबुल कलाम आजाद को ढाका वापस आने का आदेश दिया गया है.
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शेख हसीना के खिलाफ जांच शुरू
तो वहीं, बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (Bangladesh International Crimes Tribunal) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और नौ अन्य के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. ये अपराध 15 जुलाई से 5 अगस्त तक उनकी सरकार के खिलाफ छात्रों के जन आंदोलन के दौरान हुए थे. इस मामले में बुधवार को शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायतकर्ता के वकील गाजी एमएच तमीम ने गुरुवार को पुष्टि की कि न्यायाधिकरण ने बुधवार रात को जांच शुरू कर दी थी.
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