गणपति पूजा पर PM का मेरे घर आना कुछ भी गलत नहीं... रिटायरमेंट से पहले बोले CJI चंद्रचूड़

Written By रईश खान | Updated: Nov 05, 2024, 12:08 AM IST

CJI Chandrachud

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समझने और अपने न्यायाधीशों पर भरोसा करने के लिए राजनीतिक व्यवस्था में परिपक्वता की भावना होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का रिटायरमेंट से पहले बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि गणपति पूजा पर पीएम मोदी के उनके आवास पर आने में कुछ भी गलत नहीं था और ऐसे मुद्दों पर राजनीतिक हल्कों में परिपक्वता की भावना की जरूरत है. प्रधानमंत्री के चीफ जस्टिस के घर जाने पर विपक्षी दलों समेत वकीलों के एक वर्ग ने सवाल उठाए थे. लेकिन बीजेपी ने कहा था कि यह देश की संस्कृति का हिस्सा है.

एक मीडिया इवेंट में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद मजबूत अंतर-संस्थागत तंत्र के तहत होता है और दोनों की शक्तियों के पृथक्करण का मतलब यह नहीं है कि वे एक-दूसरे से मिलेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा का यह अर्थ नहीं है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका इस भावना में एक-दूसरे से अलग हैं कि वे मिलेंगे नहीं या तर्कसंगत संवाद नहीं करेंगे.

राज्यों में मुख्य न्यायाधीश और उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति का मुख्यमंत्री से मिलने और मुख्यमंत्री के मुख्य न्यायाधीश से उनके आवास पर मिलने का एक प्रोटोकॉल है. इनमें से अधिकांश बैठकों में बजट, बुनियादी ढांचे, टेक्नॉलॉजी आदि जैसे बुनियादी मुद्दों पर चर्चा की जाती है. 

'गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए'
CJI ने प्रधानमंत्री के उनके आवास पर आने के बारे में कहा, 'PM गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए. इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े व्यक्तियों के बीच निरंतर बैठकें होती हैं. हम राष्ट्रपति भवन में, गणतंत्र दिवस आदि पर मिलते हैं. हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों से बात करते हैं। इस दौरान उन मामलों पर बात नहीं होती, जिनपर हमें फैसला लेना होता है, बल्कि सामान्य रूप से जीवन और समाज से जुड़े मामलों पर बात होती है.'

सीजेआई चंद्रचूड़ ने 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.  उन्होंने कहा कि समझने और अपने न्यायाधीशों पर भरोसा करने के लिए राजनीतिक व्यवस्था में परिपक्वता की भावना होनी चाहिए, क्योंकि हम जो काम करते हैं उसका मूल्यांकन हमारे लिखित शब्दों से होता है. हम जो भी निर्णय लेते हैं उसे गुप्त नहीं रखा जाता है और उसपर खुलकर चर्चा की जा सकती है.

उन्होंने खुद को सभी धर्मों का सम्मान करने वाला आस्थावान व्यक्ति बताया. सीजेआई ने कहा कि यह सोशल मीडिया की समस्या है. आपको उस पृष्ठभूमि के बारे में भी बताना चाहिए, जिसके तहत मैंने वह बात कही थी. सीजेआई ने कहा था कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. चंद्रचूड़ ने कहा था कि अगर किसी के अंदर आस्था हो तो भगवान रास्ता निकाल देगा. (इनपुट- PTI)

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