Badlapur Encounter: 'इसे मुठभेड़ नहीं कह सकते...', आरोपी अक्षय की मौत को लेकर हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Sep 25, 2024, 02:41 PM IST

Akshay Shinde, who was killed in police encounter.

जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की तरफ से कहा गया कि 'जिस वक्त उसने पहला ट्रिगर दबाया था, दूसरे लोगों की पकड़ में वो आसानी से आ सकते थे. वो कोई बहुत बड़ा या बहुत ताकतवर शख्स नहीं था. इसे स्वीकार करना कठिन है. इसे मुठभेड़ नहीं माना जा सकता है.'

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर मुठभेड़ को लेकर पुलिस पर कड़े सवाल उठाए हैं. साथ ही कोर्ट की तरफ से टिप्पणी आई है. इस मामले को लेकर आरोपी अक्षय शिंदे का कथित मुठभेड़ हुआ था. पुलिस ने इस कथित मुठभेड़ को लेकर एफआईआर रजिस्टर करने के निर्देश जारी किए हैं. दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट में शिंदे के पिता की ओर से याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इसको लेकर बैलिस्टिक और दूसरे जानकारों की रिपोर्ट्स मांगी हैं. 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या सब कहा 
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से कहा गया कि 'शिंदे पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी के विरुद्ध FIR रजिस्टर किया जाए. सुनवाई के दौरान जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की तरफ से कहा गया कि 'जिस वक्त उसने पहला ट्रिगर दबाया था, दूसरे लोगों की पकड़ में वो आसानी से आ सकते थे. वो कोई बहुत बड़ा या बहुत ताकतवर शख्स नहीं था. इसे स्वीकार करना कठिन है. इसे मुठभेड़ नहीं माना जा सकता है.'


सरकारी वकील ने क्या कहा
बदलापुर मामले लेकर मृतक आरोपी अक्षय के पिता की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सरकारी वकील से कहा, 'शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति रिवॉल्वर को जल्दी से अनलॉक नहीं कर सकता. यह बहुत आसान नहीं है.' सरकारी वकील ने हाईकोर्ट से कहा, 'अधिकारी की पिस्तौल अनलॉक थी.'  

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