UN में गूंजेंगी महिला सरपंचों की आवाज, महिलाओं की भागीदारी पर रखेंगी अपनी बात

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: May 01, 2024, 04:35 PM IST

3 women sarpanch attending UN population meet in NY

ये तीनों महिला सरपंच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या और विकास आयोग की तरफ से होने वाले सालाना बैठक 'CPD Meet-2024' में देश की नुमाइंदगी करेंगी. वहां वो देश में महिलाओं की भागीदारी पर अपनी बात रखेंगी. 

भारत वो देश है जहां स्त्रियां पूजी जाती रही हैं. महिलाओं को देवी कहा गया है. यहां 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता' जैसे श्लोक हैं. उसी देश में महिलाओं पर अत्याचार की भी खबरें आती रहती है. उनकी संघर्ष भरी दास्तानें भी कम नहीं है. इन सबके बावजूद उनका कारवां लगातार बढ़ता ही जा रहा है, और नित नए कीर्तिमान रच रहा है. इसी कड़ी में हमारे देश की तीन महिला सरपंचों को UN में अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया है. ये सभी महिला सरपंच अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखती हैं. इनमें राजस्थान की नीरू यादव, आंध्र प्रदेश की हेमाकुमारी कुनकु और त्रिपुरा की सुप्रिया दास दत्ता शामिल हैं. ये न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या और विकास आयोग की तरफ से होने वाली सालाना बैठक 'CPD Meet-2024' में देश की नुमाइंदगी करेंगी. वहां पर वो देश में महिलाओं की भागीदारी पर अपनी बात रखेंगी. 


नीरू यादव
नीरू यादव राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली हैं. ये हॉकी वाली सरपंच को तौर पर भी काफी प्रसिद्ध हैं. बुहाना तहसील के अंतर्गत आने वाले लांबी अहीर गांव की ये सरपंच हैं. नीरु यादव ने कई सारे सामाजिक कार्य को अंजाम दिया है. इन कामों में पर्यावरण के संरक्षण हेतु कन्यादान के रूप में पेड़ देने की नई परंपरा भी शामिल है. उन्होंने 'मेरा पेड़-मेरा दोस्त' कैंपेन की भी शुरूआत की है. इसके अंतर्गत विद्यालयों में 21 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं. लड़कियों को हॉकी और दूसरे खेलों की तरफ बढ़ावा दे रही हैं. साथ उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा से भी जोड़ रही हैं. 

सुप्रिया दास दत्ता
सुप्रिया दत्ता त्रिपुरा की रहने वाली है. वो वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. उनके जिले का नाम सेपाहिजला है. दत्ता सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ा रही हैं. इसके लिए वो लगातार प्रयासरत हैं. खुद उनके पास फार्मेसी क्षेत्र का डिप्लोमा है.

हेमाकुमारी कुनुकु
हेमाकुमारी कुनुकु मूल रूप सेआंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं. वो पेकेरू ग्राम पंचायत की एक चुनी हुई प्रतिनिधि हैं. उन्होंने अपने गांव में कई सारी योजनाएं चलाई हैं, और लोगों को जागरूक कर रही हैं. साथ ही उन्होंने सबसे शोषित और आखिरी पायदान पर खड़े समाज के लिए कई सारी योजनाएं चलाई हैं.

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