मंदिरों में अब नहीं होगी टीपू सुल्तान के जमाने वाली 'सलाम आरती', पारित हुआ यह बड़ा आदेश

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 11, 2022, 04:04 PM IST

Karnataka के मंदिरों में संध्या आरती को लेकर एक बड़ा विवाद होता है. इसके चलते हिंदू मंदिरों के सर्वोच्च संगठन ने बड़ा फैसला किया है.

डीएनए हिंदी: टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) को लेकर कर्नाटक (Karnataka) में हमेशा ही दो धड़े रहे हैं, एक वर्ग जहां उनको हीरो मानता है तो वहीं दूसरा वर्ग उनकी आलोचना करता है. इस बीच अब टीपू से ही जुड़े एक मामले में बड़ा फैसला किया गया है. राज्य के मंदिरों में टीपू के शासनकाल से ही एक सलाम आरती का रिवाज था और अब इसका नाम बदलने का ऐलान हो गया है. यह ऐलान हिंदू मंदिरों की देखरेख करने वाली सर्वोच्च सरकारी संस्था ने किया है.

कर्नाटक धार्मिक परिषद के सदस्य और विद्वान काशेकोडी सूर्यनारायण भट ने पहले कहा कि ये नाम टीपू के शासनकाल के दौरान हिंदू मंदिरों पर थोपे गए थे. उन्होंने कहा कि सलाम शब्द हमारा नहीं है. इसलिए अब इसका नाम बदले जाने की आवश्यकता है.

बता दें कि बीजेपी शासित राज्य में मांड्या जिला प्रशासन ने मेलकोट में ऐतिहासिक चालुवनारायण स्वामी मंदिर से मिले नामांतरण प्रस्ताव को परिषद को सौंप दिया गया था. ऐसे में अह इन सभी पर फैसले किए गए हैं जिससे टीपू सुल्तान के जमाने की इस आरती के रिवाज को खत्म किया जाए. 

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मेलकोट मंदिर हैदर अली और बेटे टीपू के शासनकाल से हर दिन शाम 7 बजे "सलाम आरती (मशाल सलामी) का आयोजन हो रहा है. अब कर्नाटक के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (मुजरई) को अब सीएम बसवराज बोम्मई से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है. इसके बाद केवल मेलकोट में नबीं बल्कि कर्नाटक के सभी मंदिरों में आरती का नाम बदलने का एक आधिकारिक आदेश जारी हो जाएगा.

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