आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति के तिरुमाला बालाजी मंदिर के प्रसाद के रूप में दिए जा रहे लड्डू में एनिमल फैट पाए जाने के बाद, देश के सभी प्रमुख मंदिरों के प्रशासन सतर्क हो गए हैं. कई मंदिर ट्रस्टों ने अपने परिसर में बिकने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और उसकी शुद्धता पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब संगम नगरी प्रयागराज के कई बड़े और प्रमुख मंदिरों में भी प्रसाद के चढ़ावा को लेकर नए नियम कानून बना दिये गए हैं. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि भगवान को चढ़ाने के लिए वे केवल मंदिर परिसर में उपलब्ध प्रसाद का ही उपयोग करें. श्रद्धालुओं को बाहरी दुकानों से प्रसाद खरीदने के लिए भी मना किया गया है.
नवरात्रि को लेकर विशेष इंतजाम
दरअसल, तिरुपति लड्डू विवाद के बाद प्रयागराज के कुछ प्रमुख मंदिरों के तरफ से प्रसाद को लेकर नए नियम बनाए गए हैं. गौरतलब है कि अब से बस कुछ दिनों बाद ही नवरात्रि कि शुरुआत होने जा रही है. इस दौरान भक्तों का एक बड़ा हुजूम मंदिरों में दर्शन के लिए जाता है. नवरात्रि में श्रद्धालुओं के तरफ से मंदिरों में एक बहुत बड़ी मात्रा में प्रसाद चढ़ाया जाता है. संगम नगरी कि कुछ प्रमुख मंदिरों जैसे, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, मां ललिता देवी मंदिर, लेटे हुए बड़े हनुमान जी का मंदिर प्रशासन की तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
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हनुमान मंदिर में विशेष व्यवस्था
संगम नगरी के प्राचीन मंदिर के लेटे हनुमानजी मंदिर में प्रसाद की दुकानों की बिक्री में कोई खास बदलाव नहीं आया है. यहां भी बिक्री की स्थिति सामान्य है और दुकानों की देखभाल मंदिर का ट्रस्ट ही करता है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से जलभराव की वजह से मंदिर कई दिनों तक बंद रहा और अब तीन-चार दिन पहले ही फिर से खोला गया है. यहां आने वाले भक्त केवल मंदिर परिसर की दुकानों से ही प्रसाद खरीदकर भगवान को अर्पित करते हैं. इस मंदिर में पहले से ही बाहर से प्रसाद लाकर चढ़ाने पर रोक लगी हुई है.
मां ललिता देवी मंदिर में भी बदलाब
वहीं, प्रयागराज स्थित मां ललिता देवी मंदिर में बाहरी प्रसाद चढ़ाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. मंदिर प्रशासन ने बकायदा कई स्थानों पर पोस्टर लगाकर श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे बाहर से लाया गया प्रसाद न चढ़ाएं. भक्तों को विशेष रूप से प्राचीन तौर तरीके जैसे मेवा, फल और फूल ही चढ़ाने के लिए कहा गया है. मंदिर के मुख्य पुजारी शिव मूरत मिश्रा ने बताया कि यह निर्णय प्रसाद की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया है.
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