त्रयंबकेश्वर मंदिर विवाद के बीच महंत का दावा, पास की दरगाह के नीचे मौजूद है मंदिर, ASI सर्वे की मांग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 20, 2023, 07:25 AM IST

त्रयंबकेश्वर मंदिर

Trimbakeshwar Controversy: त्रयंबकेश्वर मंदिर को लेकर जारी विवाद के बीच एक महंत ने दावा किया है कि पास की दरगाह के नीचे भी एक मंदिर मौजूद है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के नासिक जिले का त्रयंबकेश्वर मंदिर इन दिनों खूब चर्चा में है. कुछ युवकों द्वारा मंदिर में चादर चढ़ाने जाने का मामला सामने आने के बाद अब एक महंत ने दावा किया है कि पास में मौजूद दरगाह के नीचे एक हिंदू मंदिर है. यह दावा हजरत पीर सैयद गुलाबशाही बाबा की दरगाह को लेकर किया गया है. महंत ने मांग की है कि सच्चाई सामने लाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से सर्वे करवाया दाए.

अखिल भारतीय संत समिति (महाराष्ट्र) के नेता महंत अनिकेत शास्त्री ने तर्क दिया है कि हजरत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा की दरगाह दरअसल बाबा गोरखनाथ के नाथ संप्रदाय की एक गुफा पर बनी है. महंत शास्त्री ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वहां भगवान गणेश, अन्य देवताओं और प्रतीकों सहित कई हिंदू मूर्तियां हैं. हम मांग करते हैं कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यहां एक उचित सर्वेक्षण करे और सच्चाई सामने लाए.

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'मस्जिदों में हनुमान चालीसा पढ़ें मुसलमान'
इतिहासकारों से यह जानकारी मिलने का दावा करते हुए उन्होंने यह संकेत दिया कि सभी समुदायों के लोगों द्वारा पूजनीय दरगाह कथित तौर पर नाथ संप्रदाय के एक पुराने मंदिर को गिराकर बनाई गई थी. दरगाह में वार्षिक 'उर्स' के दौरान त्रयंबकेश्वर मंदिर में 'धूप' दिखाने की सदियों पुरानी प्रथा के बदले में महंत शास्त्री ने गुरुवार को मस्जिदों में हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था.

सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी मामले की जांच के लिए शुक्रवार को त्रयंबकेश्वर मंदिर पहुंची जो इस तीर्थस्थल में कथित झड़पों के बाद 13 मई को सुर्खियों में आया. एसआईटी दरगाह के अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी. इस बीच, मुंबई में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय सक्सेना से मुलाकात की और त्रयंबकेश्वर मंदिर तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई सांप्रदायिक झड़पों पर चर्चा की.

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कई इलाकों में हुए विवाद
नाना पटोले ने उनसे जानना चाहा कि पुलिस घृणा फैलाने वाले बयान देने वाले राजनीतिक नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कर रही है या कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जैसा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है. पिछले एक हफ्ते में अकोला, अहमदनगर और फिर नासिक में अलग-अलग कारणों से सांप्रदायिक दंगे हुए हैं. हालांकि त्रयंबकेश्वर में स्थानीय लोगों और पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि 13-14 मई को कथित तौर पर वहां कोई हिंसा या झड़प हुई थी. तब से शहर में स्थिति सामान्य बनी हुई है.

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