UCO Bank से जुड़े 820 करोड़ के घोटाले में CBI की रेड, 2 इंजीनियर पर मामला दर्ज

रईश खान | Updated:Mar 07, 2024, 11:29 PM IST

UCO Bank CBI Raid
 

UCO Bank CBI Raid: सीबीआई ने कहा कि सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों से शुरू किए गए आईएमपीएस आवक लेनदेन को यूको बैंक के 41,000 से अधिक खाताधारकों के खातों में गलत तरीके से पोस्ट किया गया था.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यूको बैंक (UCO Bank CBI Raid) से जुड़े 820 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में 67 स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद की. सीबीआई ने इस मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

सीबीआई की यह रेड बुधवार सुबह शुरू हुई और गुरुवार शाम तक चली. तलाशी यूको बैंक में हुए बड़े घोटाले से संबंधित है, जो पिछले साल 10 नवंबर से 13 नवंबर के बीच हुए थे. इसके तहत देश के 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2,874 शाखाओं में 41,296 खातों में 8,53,049 लेन-देन के माध्यम से घोटाला हुआ था. CBI के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों से शुरू किए गए आईएमपीएस आवक लेन-देन को यूको बैंक के 41,000 से अधिक खाताधारकों के खातों में गलत तरीके से पोस्ट किया गया था.

इसके परिणामस्वरूप 820 करोड़ रुपये मूल बैंकों से वास्तविक डेबिट किए बिना यूको बैंक खातों में जमा किए गए थे. लेन-देन IDFC फर्स्ट बैंक, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक, कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक से शुरू किए गए थे. एफआईआर यूको बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई.

2 लोगों के खिलाफ FIR
सीबीआई ने मंगलुरु स्थित एलकोड टेक्नोलॉजीज के सपोर्ट इंजीनियर अभिषेक श्रीवास्तव और सुप्रिया मलिक के खिलाफ FIR दर्ज की है. इसमें कहा गया है कि कंपनी को आईएमपीएस चैनल सहित बैंक के लिए मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन विकसित करने और बनाए रखने के लिए काम पर रखा गया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि घटना के दौरान दोनों मौजूद थे और लॉग रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि दोनों में से किसी ने आठ नवंबर को शाम 7 बजे बैंक से मंजूरी के बिना आईएमपीएस लेन-देन का पोर्ट नंबर बदल दिया.

आरोप लगाया गया है कि सिस्टम में किए गए कथित बदलावों के कारण कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर ने लाभार्थी के खाते में पैसा जमा कर दिया, लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के माध्यम से प्रेषक बैंक को लेन-देन असफल होने का संदेश भेजा. शिकायत में कहा गया है कि इसके कारण, राशि दोनों बैंकों यानी यूको और मूल बैंक ग्राहकों के खातों में जमा हो गई. बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कई खाताधारकों ने दूसरों के साथ सहयोग किया और मिलीभगत कर इन अवैध लेन-देन को अंजाम दिया.

राजस्थान में 766 करोड़ का लेन-देन
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को राजस्थान और महाराष्ट्र में तलाशी उन लोगों पर केंद्रित थी, जिन्होंने पैसे प्राप्त किए और बैंक को वापस करने के बजाय इसे निकाल लिया. यह तलाशी का दूसरा दौर है. राजस्थान में 232 शाखाओं में 7, 71,752 लेनदेन के माध्यम से 766 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शामिल थी. महाराष्ट्र में 11 करोड़ रुपये संदिग्ध लेन-देन के घेरे में आए. बैंक ने कहा कि बैंक ने 664 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है, लेकिन 156 रुपये की वसूली अभी बाकी है. (PTI इनपुट के साथ)

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