डीएनए हिंदी: चुनाव आयोग (Election Commission) इन दिनों उद्धव ठाकरे के निशाने पर है. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है. चुनाव आयोग ने शिवसेना (Shiv Sena) के दोनों गुटों का नाम और निशान अलग कर दिया है. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर निशाना साधा है.
उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चिह्न चुनने में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना की मदद की है. उद्धव ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव आयोग को भेजा गया लेटर लीक कर दिया और एकनाथ गुट को दिखा दिया.
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चुनाव आयोग ने लीक किया नाम!
उद्धव ठाकरे ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि जो नाम ठाकरे गुट ने भेजे थे और जो नाम शिंदे गुट ने, दोनों के दो नाम एक जैसे निकले हैं. उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह जो उनकी तरफ से दिए गए थे. उन्हें चुनाव आयोग ने फैसले के पहले और संभवत: एकनाथ शिंदे गुट द्वारा अपनी सूची देने के पहले ही वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. इसके चलते दूसरे पक्ष को जानकारी मिली और उन्होंने भी मिलते जुलते नाम और चिन्ह आयोग को भेजे.
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चुनाव आयोग से अब क्या चाहते हैं उद्धव ठाकरे?
उद्धव गुट ने 12 सूत्री सवालों पर चुनाव आयोग से आश्वासन की मांग की है. उद्धव गुट ने अपील की है कि दोबारा ऐसी गलती न होने पाए. चुनाव आयोग ने अंधेरी उपचुनाव को देखते हुए दोनों गुटों को नाम और निशान आवंटित किए है.
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किस गुट का क्या है चुनाव चिह्न?
उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे और मशाल निशान दिया है, वहीं एकनाथ शिंदे गुट को बालासाहेबांची शिवसेना और ढाल-तलवार निशान दिया है. ऐसा लग रहा है कि उद्धव ठाकरे चुनाव चिह्न और पार्टी के नाम से खुश नहीं हैं.
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