Eknath Shinde के मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने दी पहली प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 30, 2022, 10:27 PM IST

Uddhav Thackeray And Eknath Shinde 

Uddhav Thackeray ने बुधवार शाम महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. आज उन्ही की पार्टी के एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की कमान अब शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे के हाथों में आ गई है. एकनाथ शिंदे के राज्य का सीएम बनने के बाद शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है. उद्धव ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य से नए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को शुभकामनाएं. उद्धव ने आगे कहा कि आपके हाथों में महाराष्ट्र में अच्छा काम हो यही उम्मीद है. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के कई राष्ट्रीय नेताओं ने भी एकनाथ शिंदे को बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वह राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में काम करेंगे. मोदी ने शिंदे मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को भी बधाई दी और उन्हें भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए प्रेरणास्रोत बताया.

कौन हैं एकनाथ शिंदे (Who is Eknath Shinde)
महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री एकनाथ संभाजी शिंदे शिवसेना के एक मजबूत नेता के रूप में उभर कर शीर्ष पद को हासिल कर चुके हैं लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने अपने जीवन में बहुत कड़ी मेहनत की है. जमीन से जुड़े शिंदे अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत से पूर्व रोजी रोटी कमाने के लिए आटो रिक्शा चलाते थे. शिंदे ने शिवसेना में एक कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक पारी की शुरुआत की और वह अपने संगठनात्मक कौशल तथा जनसमर्थन के बल पर शिवसेना के शीर्ष नेताओं में शुमार हो गए.

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कभी मुंबई से सटे ठाणे शहर में ऑटो चालक के रूप में काम करने वाले 58 वर्षीय शिंदे ने राजनीति में कदम रखने के बाद बेहद कम समय में ठाणे-पालघर क्षेत्र में शिवसेना के प्रमुख नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई. उन्हें जनता से जुड़े मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए पहचाना जाता है. चार बार के विधायक रहे शिंदे, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी मंत्री थे. वह राज्य की राजनीति में अपनी सफलता का श्रेय अक्सर पार्टी संस्थापक बाला साहेब ठाकरे को देते रहे हैं.

नौ फरवरी 1964 को जन्मे शिंदे ने स्नातक की शिक्षा पूरी होने से पहले ही पढ़ाई छोड़ दी और राज्य में उभर रही शिवसेना में शामिल हो गए. मूलरूप से पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले से ताल्लुक रखने वाले शिंदे ने ठाणे जिले को अपना कार्यक्षेत्र बनाया. पार्टी की हिंदुत्ववादी विचारधारा और बाल ठाकरे के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर शिंदे ने शिवसेना का दामन थाम लिया. वह कहते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी तरक्की के लिए वह शिवसेना और इसके संस्थापक, दिवंगत बाल ठाकरे के ऋणी हैं। शिवसेना में शामिल होने के बाद उन्हें पार्टी के मजबूत नेता आनंद दिघे का मार्गदर्शक मिला.

2001 में दीघे की आकस्मिक मृत्यु के बाद उन्होंने ठाणे-पालघर क्षेत्र में पार्टी को मजबूत किया. ठाणे शहर की कोपरी-पचपखाड़ी सीट से विधायक शिंदे सड़कों पर उतरकर राजनीति करने के लिए पहचाने जाते हैं और उन पर हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाने और दंगा करने समेत विभिन्न आरोपों में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

शिंदे 1997 में ठाणे नगर निगम में पार्षद चुने गए थे और इसके बाद वह 2004 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने. 2005 में उन्हें शिवसेना का ठाणे जिला प्रमुख बनाया गया. शिंदे के कद का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि उन्हें पार्टी में दूसरे सबसे प्रमुख नेता के रूप में देखा जाता है. शिंदे के बेटे डॉ श्रीकांत शिंदे कल्याण सीट से लोकसभा सदस्य हैं. शिंदे को 2014 में संक्षिप्त अवधि के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त किया गया था. बाद में शिवसेना, भाजपा सरकार में शामिल हो गई थी. शिंदे के भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडण‍वीस के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.

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