'हमेशा सनातन का विरोध करेंगे,' अपने विवादित बयान पर कायम हैं उदयनिधि स्टालिन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 06, 2023, 05:54 PM IST

DMK Udayanidhi Stalin News hindi 

Udayanidhi Stalin News: मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी विचारधारा के विरोधी आह्वान के लिए बैठकें करने का अधिकार नहीं है. जिसके बाद उदयनिधि स्टालिन का बयान सामने आया है.

डीएनए हिंदी: तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म पर दिए अपने विवादित बयान पर कायम हैं. मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी बाद उनका बयान सामने आया है. उदयनिधि स्टालिन का कहना है कि वे अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि आंबेडकर और पेरियार ने जो कहा है, उससे ज्यादा मैंने नहीं बोला. वहीं, किसी को भी विभाजनकारी विचारों का प्रचार करने और किसी भी विचारधारा के उन्मूलन की वकालत करने के लिए बैठकें करने का अधिकार नहीं है. सितंबर की बैठक में भाग लेने वाले डीएमके के मंत्रियों और पदाधिकारियों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं की गई, यह आश्चर्य की बात है. 

 31 अक्टूबर के एक आदेश में न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने चेन्नै पुलिस को द्रविड़ विचारधारा को खत्म करने के लिए एक बैठक की अनुमति देने का आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि किसी भी विचारधारा के उन्मूलन की वकालत करने के लिए बैठकें करने का अधिकार नहीं है. हाई कोर्ट ने जिस बैठक का जिक्र किया उसका आयोजन 2 सितंबर को किया गया था. हाई कोर्ट ने इस बैठक पर कहा कि कई और विभिन्न विचारधाराओं का सह-अस्तित्व इस देश की पहचान है. जनता के बीच दुर्भावना पैदा करने के लिए विचारों का प्रचार करने में अदालतों की सहायता की कोई उम्मीद नहीं कर सकता है.

 उदयनिधि स्टालिन ने दिया ऐसा बयान 

 उदयनिधि स्टालिन ने सनातन के खिलाफ दिए गए अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मद्रास हाईकोर्ट के जज जी. जयचंद्रन की टिप्पणी पर कहा कि मैं अपने बयान से पीछे नहीं हटूंगा. मैं कानूनी रूप से इसका सामना करूंगा. आंबेडकर और पेरियार ने जो कहा है, उससे ज्यादा मैंने नहीं बोला. इसके साथ उन्होंने कहा कि पार्टी या सरकार में पद उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखते, उनके लिए हर चीज से बढ़कर पहले इंसान बनना महत्वपूर्ण है. उदयनिधि स्टालिन यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा कि वे सदियों से सनातन मुद्दे पर बोलते रहे हैं, हम इसका हमेशा विरोध करेंगे.

मलेरिया से की थी सनातन की तुलना 

दयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए.एमके स्टालिन ने कहा था कि सनातक धर्म डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारी है और इसलिए सनातक धर्म को खत्म करना जरूरी है. इस बयान को लेकर पूरे देश में सियासी तूफान मचा था. कई राज्यों के थाने में उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी.

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