डीएनए हिंदी: उज्जैन की रेप पीड़िता फिलहाल अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती है. बच्ची की मदद के लिए पुलिस अधिकारी समेत कई सामाजिक संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया है. फिलहाल पीड़िता मानसिक तौर पर स्थिर नहीं है इसलिए उसकी खास देखभाल की जा रही है. बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे शहर को आक्रोशित किया है और लोग आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच शहर के बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि आरोपी का केस नहीं लड़ेंगे. फिलहाल आरोपी भरत सोनी पुलिस की हिरासत में है. पुलिस से भागने के दौरान वह चोटिल हो गया था और उसे भी इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती किया गया है. पुलिस का कहना है कि बच्ची अभी ज्यादा कुछ नहीं बता पा रही है.
आरोपी के खिलाफ उज्जैन शहर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में गहरा आक्रोश है. ऑटो चालक भरत सोनी पर नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी का आरोप है. उसके पिता ने भी कहा है कि उनके बेटे ने यह अपराध किया है तो उसे फांसी की सजा से कम कुछ नहीं मिलना चाहिए. पीड़िता की सहायता के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं. अब शहर के वकीलों ने सामूहिक तौर पर फैसला लिया है कि रेप के आरोपी की पैरवी शहर का कई वकील नहीं करेगा.
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उज्जैन के वकीलों का सामूहिक फैसला, नहीं लड़ेंगे आरोपी का केस
उज्जैन बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट प्रकाश चौबे ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सभी वकीलों ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि आरोपी के केस की कोई भी नहीं लड़ेगा. बता दें कि जब किसी मामले में वकीलों द्वारा केस नहीं लड़ने का सामूहिक फैसला लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में न्यायालय आरोपी को अपनी ओर से वकील देती है. 26/11 हमले के दोषी कसाब को भी एक वकील दिया गया था. भारतीय कानून व्यवस्था में आरोपियों को पक्ष रखने का मौका दिया जाता है.
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बार ने संयुक्त तौर पर की फांसी की मांग
उज्जैन बार एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. बार एसोसिएशन इस मामले में न्यायालय से कठोरतम दंड फांसी की मांग करता है. पीड़िता के मामले में जल्द से जल्द सुनवाई शुरू हो और बच्ची को न्याय मिल सके. साथ ही, हम बच्ची के पुनर्वास और कल्याण की भी अपील करते हैं. एसोसिएशन की ओर से यह भी कहा गया है कि संगठन की ओर से पीड़िता को हर संभव कानूनी सहायता दी जाएगी.
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