Ujjain Rape Case: उज्जैन पीड़िता दरिंदगी के वक्त बुला रही थी मां-पापा को, आरोपी की तस्वीर देख सहम गई

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 13, 2023, 10:42 PM IST

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Ujjain Rape Victim: उज्जैन रेप पीड़िता नाबालिग के बारे में यह पुष्टि हो चुकी है बच्ची का मानसिक तौर पर ठीक विकास नहीं हो पाया था. उसके साथ हुई दरिंदगी से वह और सहम गई है. हालांकि, उसने सांकेतिक भाषा में अपनी पीड़ा बताई और आरोपी की पहचान भी की है. 

डीएनए हिंदी: उज्जैन रेप पीड़िता की घटना के बाद से लगातार काउंसलिंग चल रही है और उसकी स्थिति में भी सुधार हो रहा है. तीन दिन तक चली लगातार काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने पहली बार सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों के सामने अपनी पीड़ा बताई. उसने आरोपी की तस्वीर देखते ही पहचान भी लिया है. भाषा विशेषज्ञों का कहना है कि सतना की रहने वाली बच्ची मानसिक तौर पर कमजोर है और घटना से पहले भी वह अपनी बातें दूसरों को नहीं समझा पाती थी. इस घटना ने उसे अंदर से और झकझोर दिया है. बच्ची ने सांकेतिक भाषा में ही सही लेकिन बताया कि आरोपी उसे ऑटो में बिठाकर खेतों में ले गया था. वहां उसने उसका गला दबाया और उसके साथ दरिंदगी की. 

बताया जा रहा है कि घटना के बारे में बताते हुए पीड़िता (Ujjain Rape) बहुत डर गई थी. उसने बताया कि घटना के वक्त वह अपने मां-पापा को मदद के लिए बुला रही थी. अभी तक वह अपने आसपास पुरुषों को देखकर डर जा रही है. सांकेतिक भाषा में बच्ची की बताई पीड़ा को बयान के तौर पर दर्ज किया गया है. पीड़िता ने बताया कि वह स्टेशन और सड़क पर भटक रही थी और कई गाड़ियां बगल से गुजरीं. मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि फिलहाल बच्ची की हालत ठीक होने तक काउंसलिंग दी जाएगी. 

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स्लो लर्निंग डिसएबिलिटी से पीड़ित है बच्ची 
बच्ची से बातचीत करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि उसे स्लो लर्निंग डिसएबिलिटी भी है और रेप की घटना ने उसे बेहद डरा दिया है. बच्ची ने साइन लैंग्वेज में बताया कि आरोपी से बचने के लिए उसने गुहार लगाई थी और अपने पापा को बुलाया था. पीड़िता ने जब आरोपी भरत की तस्वीर देखी तो कांप गई और अपना गुस्सा जाहिर किया. उसने यह भी कहा कि वह आरोपी को पीटना चाहती है क्योंकि उसकी वजह से उसे बहुत दर्द हो रहा है. 

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सतना से ट्रेन में बैठ गई थी बच्ची 
पुलिस का कहना है कि बच्ची सतना से ट्रेन में बैठकर उज्जैन पहुंची थी. अगर सहयात्रियों ने अकेली नाबालिग बच्ची को सफर करते देखते हुए पुलिस को सूचना दी होती, तो शायद उसे रेस्क्यू कर लिया जाता और सुरक्षित घर पहुंच जाती. बच्ची के साथ दुखद पहलू यह भी है कि हादसे के बाद वह करीब 8 किमी. पैदल भटकती रही और लोगों से मदद की गुहार भी लगाई थी. इसके बावजूद किसी ने भी उसकी मदद नहीं की. फिलहाल बच्ची के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है और अभी कुछ और दिनों तक उसे अस्पताल में रखा जा सकता है.

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