डीएनए हिंदीः सप्ताह में चार दिन काम करने को लेकर ब्रिटेने में हुए दुनिया के सबसे बड़े ट्रायल ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट प्रकाशित कर दी है जिसमें इसे बेहद सफल बताया गया है. इस ट्रायल में शामिल ज्यादातर कंपनियों ने इस फॉर्मेट को अपनाने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को 4 दिन काम और 3 दिन आराम करने का मौका मिलेगा.
ब्रिटेन में हुए इस ट्रायल की शुरुआत पिछले साल जून में हुई थी जो दिसम्बर तक चली और इसमें अलग-अलग सेक्टर की कुल 61 कंपनियों ने भाग लिया. इस पायलट प्रोग्राम को गैर-लाभकारी समूहों 'फोर डे वीक ग्लोबल', 'फोर डे वीक यूके कैंपेन' और ऑटोनॉमी द्वारा शुरू किया गया था. इसके तहत करीब 3,000 कर्मचारियों को पांच दिन में निपटाने वाले ऑफिस के काम को मात्र 4 दिन में पूरा करने के लिए आदेश दिया गया था.
कर्मचारियों और कंपनियों ने की सराहना
इस प्रयोग को ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों के साथ-साथ अमेरिका के बोस्टन कॉलेज के विशेषज्ञों ने करीब से मॉनिटर किया. बोस्टन कॉलेज के रिसर्च प्रमुख प्रोफेसर जूलियट स्कोर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग दफ्तरों में चालू किया गया और इसके परिणाम उम्मीद के मुताबिक मिले. यह एक नया प्रयोग है जिसे कंपनियों ने सराहा और कर्मचारियों ने भी इस पर सहमति जताई.
91 प्रतिशत कंपनियों ने दिखाई हरी झंडी
चार दिन काम करने के इस ट्रायल रिपोर्ट के अनुसार लगभग 91 फीसदी कंपनियों ने इसे अपनाने के लिए हां कहा है. इसके तहत इनके कर्मचारियों को 4 दिन काम और 3 दिन आराम करने का मौका मिलेगा. वहीं इस ट्रायल में शामिल केवल 4 प्रतिशत कंपनियों ने इसे न अपनाने की बात कही है.
कंपनियों ने इस ट्रायल में अपने अनुभव के आधार पर 10 में से 8.5 अंक दिया है. वहीं बिजनेस प्रोडक्टिविटी और परफॉर्मेंस की बात करें तो इसमें 10 में से 7.5 अंक मिले. रेवेन्यू के मोर्चे पर भी ट्रायल का रिजल्ट सफल रहा है और ट्रायल के दौरान रेवेन्यू भी पिछले साल के समान अवधि की तुलना में 35 फीसदी ज्यादा रही.
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