असम से आजादी के रंग में भंग डालने वाली खबर आई है. दरअसल, गुरुवार को असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (ULFA-I) ने दावा किया कि उसने राज्य में 19 जगहों पर बम लगाए हैं. इसके बाद सुरक्षा बलों ने विस्फोटकों की तलाश के लिए टीमें भेजीं. असम पुलिस महानिदेशक का कहना है कि गुवाहाटी सहित कुछ शहरों और कस्बों में 'संदिग्ध वस्तुएं' पाई गईं, उनमें सर्किट और बैटरियां तो थीं, लेकिन कोई प्रज्वलन उपकरण (ignition devices) नहीं था।
19 जगहों पर लगाए बम पर फूटे नहीं
उल्फा-आई ने गुरुवार को जब बयान जारी कर दावा किया कि असम की 19 जगहों पर संगठन ने विस्फोटक लगाए, लेकिन 'टेक्निकल दिक्कत' की वजह से ब्लास्ट नहीं हुआ. संगठन ने जारी बयान में कहा कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुबह 6 बजे से 12 बजे तक कई स्थानों पर बम प्लांट करके अपनी ताकत दिखाना चाहते थे. लेकिन तकनीकी कारणों से यह बम नहीं फटे और हमारी योजना फेल हो गई. यह सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी.
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IED जैसी वस्तुएं मिलीं- पुलिस
गुवाहाटी पुलिस आयुक्त दिगंता बराह ने बताया कि आज सुबह, ULFA इंडिपेंडेंट के प्रमुख की तरफ से एक और सूचना दी गई कि गुवाहाटी के 8 स्थानों पर IED प्लांट किया गया है। हमारी पुलिस की ओर से हमने सभी 8 स्थानों की गहन तलाशी ली. 6 स्थानों पर हमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. लेकिन दो स्थानों एक पानबाजार क्षेत्र और दूसरा गांधीबस्ती में, हमें दो वस्तुएं मिलीं. वे IED जैसी वस्तुएं हैं, जिनमें सर्किट, डेटोनेटर, बैटरी हैं, लेकिन प्रज्वलन तंत्र अनुपस्थित है. हम कह सकते हैं कि यह एक IED जैसी वस्तु है लेकिन प्रज्वलन या ट्रिगरिंग तंत्र इसमें नहीं है. जो पदार्थ हमें मिला है वह विस्फोटक है या नहीं, इसका पता केवल रासायनिक परीक्षण से ही लगाया जा सकता है।"
बातचीत के लिए राजी सरकार
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे उल्फा-आई संगठन से आग्रह करते हैं कि असम के विकास को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाएं. बातचीत करके परेशानियों को सुलझाएं. उन्होंने कहा, 'मैं उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ से अनुरोध करना चाहता हूं कि वह ऐसा कुछ न करें जिससे राज्य का विकास बाधित हो. मैं बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने में रुचि रखता हूं.'
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