सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने एफिडेविट में SBI ने बताया कि 2019 से 2024 के बीच कुल 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए. इनमें से 22,030 इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक पार्टियों ने भुना भी लिए. ऐसे में उन 187 इलेक्टोरल बॉन्ड की खूब चर्चा हो रही है जो भुनाए नहीं गए. SBI ने बताया है कि नियमों के मुताबिक, जिन इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया नहीं गया उन सभी को प्रधानमंत्री राहत कोष में भेज दिया गया. यानी इन 187 इलेक्टोरल बॉन्ड की जितनी भी कीमत रही होगी, वह सारा पैसा प्रधानमंत्री राहत कोष में चला गया है.
SBI ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में बताया है कि 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक कुल 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड SBI की अलग-अलग शाखाओं से खरीदे गए. इसमें से 22,030 इलेक्टोरल बॉन्ड भुना लिए गए. 1 अप्रैल से 11 अप्रैल 2019 तक ही कुल 3,346 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद लिए गए थे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने SBI को निर्देश दिए थे कि वह इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा चुनाव आयोग को दे. चुनाव आयोग को यह डेटा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना है.
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कहां गए 187 इलेक्टोरल बॉन्ड के पैसे?
SBI ने बताया है कि नियमों के मुताबिक, जिन इलेक्टोरल बॉन्ड को राजनीतिक दल 15 दिन के अंदर भुनाते नहीं हैं उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेज दिया जाता है. यानी जिन 187 इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया नहीं गया, उनके सारे पैसे प्रधानमंत्री राहत कोष में भेज दिए गए. हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि ये इलेक्टोरल बॉन्ड कितने रुपये के थे. SBI ने बताया है कि उसने यह सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी है.
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स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने चुनाव आयोग को दिए गए डेटा में क्या-क्या जानकारी दी है. SBI के मुताबिक उसने चुनाव आयोग को बताया है कि कुल कितने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए, खरीदने वालों के नाम क्या हैं, इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जाने की तारीख क्या थी और किस भी इलेक्टोरल बॉन्ड की कीमत क्या थी. इसके अलावा, इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी भी चुनाव आयोग को दे दी गई है.
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