इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने भारत में बेरोजगारी को लेकर एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में 83% युवा बेरोजगार हैं. मानव विकास संस्थान और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा तैयार भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि भारत में बेरोजगारी मुख्य रूप से युवाओं, विशेष रूप से माध्यमिक स्तर या उससे अधिक शिक्षा वाले युवाओं के बीच एक समस्या थी. जो समय के साथ बढ़ती गई. इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
आईएलओ ने इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) के साथ मिलकर ‘इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ छापी है. जिसके अनुसार, 2022 में कुल बेरोजगार आबादी में बेरोजगार युवाओं की हिस्सेदारी 82.9% थी. इसके हिसाब से अगर भारत में 100 लोग बेरोजगार हैं, तो उसमें से 83 लोग युवा हैं. इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बेरोजगारों में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या ज्यादा है.
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भारत में तेजी से बढ़ रही है बेरोजगारी
आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार, सन 2000 के मुकाबले अब बेरोजगारों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. साल 2000 में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की संख्या कुल युवा बेरोजगारों में 35.2 प्रतिशत थी. जो साल 2022 में बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई है. इसमें उन ही पढ़े-लिखे युवाओं को शामिल किया गया है, जिनकी कम से कम 10वीं तक की शिक्षा हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मतलब है कि सालाना 7-8 मिलियन युवा श्रम बाजार में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही बतया गया है कि साल 2019 के बाद से रेग्युलर वर्कर्स और सेल्फ-एम्प्लॉयड लोगों की इनकम में गिरावट का ट्रेंड देखा जा रहा है. इस रिपोर्ट पता चलता है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या तेजी से युवाओं, खासकर शहरी क्षेत्रों में शिक्षित युवाओं और महिलाओं के बीच केंद्रित हो गई है.
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
लोकसभा चुनाव से पहले सामने आए इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश में बढती बेरोजगारी के लिए सरकार की आलोचना की. उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत के 83% बेरोजगार लोग युवा हैं और ग्रामीण इलाकों में केवल 17.5% युवाओं के पास ही नियमित कार्य है. उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत लोगों की हिस्सेदारी 2012 से कुल कार्यबल के 26 प्रतिशत पर ही बनी हुई है. आर्थिक गतिविधियों में शामिल युवाओं का प्रतिशत 2012 में 42 प्रतिशत से घटकर 2022 तक 37 प्रतिशत हो गया. इसके साथ उन्होंने कहा कि हमारे युवा मोदी सरकार की दयनीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है.
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