मोदी सरकार ने वक्फ बिल को JPC में भेजने का रखा प्रस्ताव, स्पीकर ओम बिरला बनाएंगे कमेटी

रईश खान | Updated:Aug 08, 2024, 06:48 PM IST

Waqf Amendment Bill 2024

Waqf Amendment Bill: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा.

मोदी सरकार ने वक्फ संसोधित विधेयक 2024 को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया. जिसके बाद संसद में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों की आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है. तीखी नोंकझोंक के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम इस बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने का प्रस्ताव रखते हैं. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जल्द ही कमेटी बनाई जाएगी.

किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विपक्षी दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘मैं सभी दलों के नेताओं से बात करके इस संयुक्त संसदीय समिति का गठन करुंगा.’ विपक्षी सदस्यों ने बिल का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है.

नीतीश-नायडू का भी मिला साथ
नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने विधेयक का समर्थन किया, हालांकि, टीडीपी ने इसे संसदीय समिति के पास भेजने की पैरवी की. विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए किरेन रीजीजू ने कहा कि वक्फ संसोधन विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है और न ही संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन हो रहा. वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है. आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया था. इसके बाद कई संशोधन किए गए.


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रिजिजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा. उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीएम सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया.

कांग्रेस-सपा ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है. यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने सवाल किया, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया. क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है. फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?’

'ईसाई-जैन धर्म के अधिकारों पर भी होगा हमला'
वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है. अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे. कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती.


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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है. उन्होंने कहा कि विधेयक में सारी ताकत जिला अधिकारी को देने की बात की गई है और सबको पता है कि एक जगह एक जिलाधिकारी ने क्या किया था. अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा अपने हताश निराश कट्टर समर्थकों के लिए यह विधेयक ला रही है.

वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है.  विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं. यह संशोधन विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर मुस्लिमों को शामिल करने की बात कही गई है. (PTI इनपुट के साथ)

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