Amarnath Yatra 2022: घुसपैठ के गढ़ हैं पाकिस्तान के ये दो गांव, इस वजह से पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा

रवींद्र सिंह रॉबिन | Updated:Jul 06, 2022, 07:58 PM IST

पंजाब के सीमावर्ती इलाकों की हर गतिविधि पर सुरक्षाबलों की है नजर.

Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. गाड़ियों पर नजर रखी जा रही है. हर गतिविधि पर सुरक्षाबलों की नजर है.

डीएनए हिंदी: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पर आतंकियों का साया न पड़े इस वजह से पंजाब (Punjab) की ओर से कश्मीर (Kashmir) जाने वाले हर रूट पर सुरक्षाबलों की नजर है. जिन जिलों से होकर अमरनाथ यात्रा की ओर श्रद्धालु जा रहे हैं वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पंजाब सीमा (Punjab Border) पर पुलिस और सुरक्षाबल मिलकर नजर रख रहे हैं. गाड़ियों के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. पंजाब को अशांत करने की लगातार कोशिशें की गई हैं, कश्मीर में पहले से आंतकियों के निशाने पर हिंदू आबादी (Hindu Population) है, यही वजह है कि अमरनाथ रूट (Amarnath Route) पर सरकार की नजर है. 

पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पंजाब के सभी सीमावर्ती इलाकों में अपनी तैनाती बढ़ा दी है. बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है. लोगों से कहा जा रहा है कि सीमा पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तत्काल पुलिस को सूचना दें. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

Amarnath Yatra 2022: मीरबाजार में अमरनाथ यात्रियों का स्वागत, स्थानीय लोगों ने की चाय-नाश्ते की व्यवस्था

किस रूट से जा रहे हैं श्रद्धालु?

ज्यादातर श्रद्धालु अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट के रास्ते जम्मू-कश्मीर की ओर जा रहे हैं. यहीं से अमरनाथ मंदिर की ओर यात्रा करने वाले हर श्रद्धालु पर सुरक्षाबल नजर रख रहे हैं. 

दहशतगर्दों का गढ़ बन गए हैं पाकिस्तान के ये दो गांव

सूत्रों के मुताबिक बीएसएफ की चिंता है कि पाकिस्तान के दो गांवों से आतंकी भारत की ओर न आने पाएं. मसरूर बड़ा भाई और इखलाकपुर को आंतकियों का लॉन्चिंग पैड माना जाता है. ये दोनों गांव गुरदासपुर जिले से सटे हुए हैं. यहीं से आतंकी भारत की ओर दाखिल होते हैं. गुरदासपुर पर सुरक्षाबलों की खास नजर बनी हुई है.

Amarnath Yatra 2022: दो साल बाद फिर शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, जानें इस बार कैसी है सुरक्षा  

पाकिस्तान रेंजर्स या ISI मेंबर भारत में घुसपैठ से पहले इन गावों में शेल्टर लेते हैं. यहीं रहकर वे सीमा की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं. सूत्रों का दावा है कि तीर्थयात्रा के दौरान पाकिस्तान की ओर से होने वाले हर मूवमेंट पर सुरक्षाबलों की नजर है. 

पहले भी इसी रूट से हो चुकी है घुसपैठ

पहले भी पाकिस्तानी आतंकी इसी रास्ते से भारत में घुसपैठ कर चुके हैं. 27 मई 2015 और 2 जनवरी 2016 को दीनानगर पुलिस स्टेशन और पठानकोठ एयरफोर्स बेस पर हमला हो चुका है. 

इस बार हाई अलर्ट पर हैं सुरक्षाबल

गुरदासपुर सेक्टर के बीएसएफ उप महानिरिक्षक प्रभाकर जोशी ने कहा कि जवान इस बार ज्यादा अलर्ट थे. लोगों को को अलर्ट किया गया था. सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या संदिग्ध व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के खिलाफ ग्रामीणों को सचेत करने के लिए ग्राम रक्षा समितियों का भी गठन किया गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ अलर्ट जारी किया गया है जो अमरनाथ यात्रा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

Mini Amarnath in Manali: क्या आपने मनाली में बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं, जान लीजिए इस शिवलिंग में क्या है खास

हवाई गश्त भी तेज

इलाके में हवाई गश्त भी तेज कर दी गई है. हाल के दिनों में, गुरदासपुर जिले के सिंगोक सीमा क्षेत्र में एक ड्रोन नजर आया था जिसके बाद बीएसएफ के जवानों ने फायरिंग की थी. ड्रोन पर लगातार फायरिंग होते देख ऑपरेटर्स ने ड्रोन को वापस ले लिया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

punjab Amarnath Yatra 2022 jammu kashmir Gurdaspur