डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र उम्मीद के मुताबिक काफी धमाकेदार रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्षी दलों को धोया है. पहले शिवपाल यादव पर फिरकी ली और फिर उनके निशाने पर आए अखिलेश यादव. सीएम मे एसपी प्रमुख को सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और एक बार जब जुबानी तीर चलने शुरू हुए तो अतीत से लेकर 2024 की भविष्यवाणी तक सीएम ने वार-पलटवार का एक भी मौका नहीं छोड़ा. इस दौरान मुख्यमंत्री कई भावों में बोलते हुए भी नजर आए. कभी वह चुटकी लेते दिखे तो कभी गर्जना के अंदाज में विरोधियों को चेताया और कभी दार्शनिक की मुद्रा में खुद में बदलाव और सुधार की नसीहत दे डाली. इन सबके दौरान सत्ता पक्ष की ओर से योगी-योगी और भारत माता जैसे नारे लगते रहे, तालियां बजती रहीं.
राजसभा में हंसी का माहौल तब बन गया जब सीएम योगी किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रख रहे थे. तभी बीच में शिवपाल उठकर राजभर की ओर इशारा करते हुए बोले, 'मुख्यमंत्री जी इन्हें जल्दी ही मंत्री बना दीजिए, नहीं तो टूट कर वापस सपा में आ जाएंगे.' इस बात पर सदन में जोरदार ठहाके लगे. सीएम योगी ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'शिवपाल जी यही बात सत्ता में रहते अपनी भतीजे (अखिलेश) को सिखा दी होती तो ये इमला पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती.' इसके बाद शिवपाल ने भी पलटवार करते हुए कहा, 'भतीजे को इंजीनियर बनाया और फिर मुख्यमंत्री.' उनकी यह बात सुनकर सब हंसने लगे.
'2024 में नहीं खुलेगा आपका खाता'
2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि चच्चू अभी से अपना रास्ता पकड़ लो. आपका यहां खाता भी नहीं खुलने जा रहा है. आप देख लेना एक बार फिर डबल इंजन वाली सरकार ही रिपीट होगी. जनता को इस डबल इंजन वाली सरकार पर पूरा भरोसा है. आप अपना रास्ता देखो आपके लिए कुछ नहीं है. शिवपाल यादव पर फिरकी लेते हुए उन्होंने कहा कि आपकी दशा देखकर मुझे बुरा लगता है.
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अखिलेश पर वंशवाद को लेकर कसा तंज
अखलेश यादव की आलोचनाओं का जवाब देते हुए सीएम ने वंशवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आप गरीबों की चिंता की बात कर रहे हैं. हमारी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए दिन-रात काम कर रही है. जो लोग बचपन से चांदी की चम्मच से खाते रहे हैं उन्हें गरीबों की पीड़ा क्या समझ में आएगी. सीएम ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की वजह से बड़े पैमाने पर फसल खराब हुई है लेकिन सरकार ने किसानों को राहत देने का काम किया है.
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राहत किट तैयारी पर दी जानकारी
उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार से पहले सूखा और बाढ़ से पीडि़त लोगों के फंड में भ्रष्टाचार होता था. पूर्ववर्ती सरकारें बाढ़ पीडि़तों को खाने के नाम पर सिर्फ ब्रेड पकड़ा दिया करती थी. इस बार बाढ़ और सूखा एक साथ पड़ा. पश्चिमी यूपी में बाढ़ थी तो 40 जनपद ऐसे थे जहां सूखा पड़ा था. मैंने प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के साथ ही इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं. मैंने खुद बैठक की और एक राहत किट तैयार करवाई है. इसमें हर बाढ़ पीड़ित को 10 किलो चावल और आटा, आलू, नमक, दियासलाई, मोमबत्ती, मसाले, कैरोसीन दी गई है. यही नहीं महिलाओं के लिए डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराई गई. इस बार अब तक 26 हजार 964 किट उपलब्ध कराई जा चुकी है.'
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