उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में (UP Bypolls 2024) में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) और बीजेपी (BJP) दोनों के लिए ही अग्निपरीक्षा है. 9 सीटों में से करहल सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. इस सीट पर अब तक समाजवादी पार्टी का ही दबदबा रहा है. बीजेपी ने इसका तोड़ निकालने के लिए इस बार यहां से यादव उम्मीदवार खड़ा किया है. अखिलेश यादव ने इस सीट पर रिस्क नहीं लेते हुए अपने परिवार के सदस्य को ही उतारा है. पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है.
22 साल से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का है वर्चस्व
करहल की सीट पर समाजवादी पार्टी का वर्चस्व इससे समझा जा सकता है कि 2017 में बीजेपी के तूफान में भी पार्टी यहां अपनी सीट बचाने में कामयाब रही थी. इस सीट पर 2002 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. उस बार भी मुकाबला यादव बनाम यादव का रहा था. पिछले 22 साल से पार्टी बीएसपी और बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के बाद भी अपनी ये सीट बचाने में सफल होती रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए इस सीट पर अखिलेश यादव को मात देना बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.
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लालू के दामाद के सामने बहनोई की चुनौती
करहल की सीट पर समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के पोते और मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उतारा है. रिश्ते में वह लालू यादव के दामाद हैं और इससे पहले डिंपल यादव की चुनावी कमान भी संभाल चुके हैं. बीजेपी ने इस बार यादव उम्मीदवार देने के साथ ही परिवार के अंदर ही भेद लगा दी है. बीजेपी ने यहां से अनुजेश प्रताप यादव को टिकट दिया है. अनुजेश मुलायम परिवार के ही सदस्य हैं. वह मुलायम के दामाद और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं. अब परिवार बनाम परिवार की लड़ाई है और देखना है कि जनता किस पर भरोसा जताती है.
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