उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इन 10 सीटों पर होने वाले चुनाव को 2027 की झांकी के तौर पर देखा जा रहा है. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी (BJP) प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी है. इसके लिए कई राउंड बैठकों का दौर हो चुका है और दिल्ली में मौजूद हाई कमान से लेकर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ तक मोर्चा संभाले हुए हैं.
कई दिग्गजों को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन 10 सीटों को पार्टी 2027 से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है. बीजेपी ने सीटवार सर्वे तैयार किया है और कैंडिडेट्स के चयन में जातिवार समीकरण के अलावा, पुराना रिकॉर्ड, कार्यकर्ताओं का उत्साह समेत कई मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा. इसके अलावा, पार्टी के बड़े चेहरों को हर सीट के लिए अलग से जिम्मेदारी भी दी जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चा संभालेंगे.
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अखिलेश और राहुल की जोड़ी को टक्कर देने की तैयारी
लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से इंडिया गठबंधन भी उत्साहित है. चुनाव नतीजों के बाद भी राहुल गांधी और अखिलेश यादव की बॉन्डिंग नजर आ रही है. संसद में भी दोनों एक-दूसरे के साथ बने हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस गठबंधन को 2027 में जारी रखना चाहती है और इसके लिए उपचुनाव में कुछ सीटें कुर्बान भी कर सकती है. बीजेपी के लिए इस जुगलबंदी को निष्प्रभावी बनाना कठिन चुनौती साबित होगी.
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