उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया है. हफ्तों तक फाइलें एक विभाग में धूल खाती रहती हैं और एक से दूसरे विभाग में चक्कर काटती रहती हैं. इस लेट-लतीफी पर रोक लगाने के लिए सीएम ने तय डेडलाइन दी है. लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की गई बैठक में अल्टीमेटम दिया है. सीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी अधिकारी या विभाग के पास फाइल 3 दिन से ज्यादा नहीं रहनी चाहिए.'तय समय में बेहतर तालमेल के साथ हो काम'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की गई बैठक में स्पष्ट किया है कि सभी जरूरी काम और एक्शन तय समय में लिए जाने चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी कार्यालय में फाइल 3 दिन से ज्यादा नहीं अटकी रहनी चाहिए. अगर किसी तरह की रुकावट आ रही हो, तो डीजीपी कार्यालय और गृह विभाग से संपर्क करना चाहिए.
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इतना ही नहीं बेहतर ढंग से काम हो और व्यवस्था में पारदर्शिता रहे, इसके लिए उन्होंने कहा कि अधिकारी समय लेकर कभी भी उनसे किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए मिल सकते हैं. सीएम ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया कि विभाग की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय बनाना है, ताकि कामकाज सुचारू तरीके से चल सके.
सिटिजन चार्टर लागू करने का दिया आदेश
सीएम ने अधिकारियों को सिटिजन चार्टर लागू करने का भी सख्त निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना विभाग की जवाबदेही है. हर दफ्तर में सिटिजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए. इसके अलावा, मृतक आश्रितों और फिजिकल परीक्षण जैसे मुद्दों पर जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर नियमों में बदलाव का आदेश भी मुख्यमंत्री ने दिया है.
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