UP Politics: इस समय यूपी में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से चल रही सियासी सरगर्मी अब सबके सामने आ गई है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट के बाद प्रदेश में संगठन और सरकार आमने-सामने है. इसी बीच यूपी सरकार में पूर्व मंत्री सुनील भराला ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को निशाना बनाया है.
भराला ने बीते महीनों में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार ठहराते हुए भूपेंद्र चौधरी से इस्तीफा मांगा है. भराला ने कहा है कि "डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के संगठन बड़ा होने के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस हिसाब से लोकसभा चुनाव की हार की नैतिक जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष को लेनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि "जब संगठन सरकार से बड़ा तो हार की जिम्मेदारी संगठन की है. केशव के बयान का आशय यही है, इस्तीफा देना चाहिए, और ऐसा पहली बार नहीं है. भजापा की परंपरा के मुताबिक कलराज मिश्र, विनय कटियार ने भी इस्तीफे दिए हैं.
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जब से प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम ने जेपी नड्डा से मुलाकात की है. तब से सियासी सरगर्मी बड़ी हुई है. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है. इधर, यूपी के विधायक रत्नाकर मिश्र हों या पूर्व मंत्री मोती सिंह, वो अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में उपचुनाव भी होने वाले है. इसको लेकर सीएम योगी लगातार बैठकें कर रहे हैं. उपचुनाव की कमान सीएम योगी ने खुद संभाली है साथ ही 10 प्रभारी मंत्रियों की भी नियुक्ति की है. पार्टी नेतृत्व उत्तर प्रदेश में होने जा रहे 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के रिजल्ट का इंतजार करेगा.
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