'वादा किया था, तोड़ कैसे देते', मौत के बाद भी निकाय चुनाव जीत गई महिला, प्रमाण पत्र देते समय हुआ खुलासा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 18, 2023, 12:16 AM IST

UP Nagar Nikay Chunav

UP Nagar Nikay Chunav: अमरोहा के हसनपुर नगर पालिका के लोगों कहना है कि जब आशिया बी ने वार्ड नंबर-17 से पार्षद का नामांकन किया तो सबने उनसे वोट देने का वादा किया था.

डीएएन हिंदी: किस्मत का भी अजब खेल है. जो जिंदा रहकर नहीं कर पाते वह उसके मरने बाद हो जाता है. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा से सामने आया है. यहां नगर निकाय चुनाव में एक महिला मरने के बाद भी जीत गई. इस बात का खुलासा तब हुआ जब काउंटिंग के दौरान प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र देने का अनाउंसमेंट हुआ. जब चुनाव अधिकारियों को पता चला तो वह भी दंग रह गए. वहीं अमरोहा के लोगों का कहना है कि उन्होंने आशिया बी से वादा किया था, इसलिए उन्होंने पूरे समर्थन से आशिया को वोट दिया.

दरअसल, मामला अमरोहा जिले के हसनपुर नगर पालिका के वार्ड नंबर-17 का है. इस वार्ड से 30 साल की आशिया भी ने निर्दलीय सभासद का पर्चा भरा था. उन्होंने यूपी नगर निकाय चुनाव में निर्दलीय सभासद प्रत्याशी के तौर पर 16 अप्रैल को नामांकन दाखिल कराया था. मगर किस्तम में को कुछ और ही मंजूर था. आशिया बी की एक गंभीर बीमारी के चलते 23 अप्रैल को मौत हो गई. इसके बाद भी क्षेत्र के लोगों ने उन्हें वोट दिया. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि आशिया काफी मिलनसार थीं. वह हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे खड़ी रहती थीं.

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'हम नहीं तोड़ सकते अपने वादा'
क्षेत्र के लोगों कहना है कि जब आशिया बी ने वार्ड नंबर-17 से पार्षद का नामांकन किया तो क्षेत्र के लोगों ने उन्हें पूरा समर्थन देने का वादा किया था. लेकिन मतदान से पहले ही आशिया की मौत हो गई. इसके बावजूद भी वह भारी बहुमत 307 वोटों से जीत गईं. लोगों का कहना है कि हम अपने वादे को नहीं तोड़ सकते थे. आशिया बी के प्यार, व्यवहार और अपनेपन को लोग कभी नहीं बुला सकते हैं.  

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जीत से पहले ही दुनिया को कहा अलविदा
आशिया बी की शादी पिछले साल मुंतजीब अहमद से हुई थी. अहमद कस्बे में एक दूध की डेयरी चलाते हैं. उन्होंने कहा कि आशिया की कभी भी राजनीति में आने की दिलचस्पी नहीं थी. लेकिन इलाके में लोगों की परेशानियों को देखकर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया. वहीं वार्ड 17 से सदस्य का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था. जिसके चलते हमने 16 अप्रैल को नामांकन दाखिल कर दिया. लेकिन गंभीर बीमारी की वजह से एक हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई. लेकिन जब 13 मई को निकाय चुनाव का रिजल्ट आया तो वह इस दुनिया से अलविदा कह चुकी थीं. 

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