डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की पुलिस ने कव्वाली और प्रवचन के बहाने धर्मांतरण करवाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसी गिरोह से जुड़े 18 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी गई है. पुलिस अब उन लोगों की संख्या पर गौर कर रही है, जिनसे धर्म परिवर्तन के लिए संपर्क किया गया था. इन लोगों ने स्वीकार भी किया है कि धर्मांतरण करवाने के बदले उन्हें पैसे मिलते थे.
पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का मास्टरमाइंड सिकंदर, जो बाराबंकी में एक धर्मस्थल से संबंध का दावा करता है और उसके साथियों ने देवगांव के चिरकीहित गांव की झुग्गी में एक क्षेत्र को धर्मस्थल की तरह सजाया था और कव्वाली और धार्मिक प्रवचन के दौरान धर्मांतरण के लिए प्रोत्साहित करते थे. पिछले हफ्ते हुई कार्रवाई में पकड़े गए लोगों में बाराबंकी का रहने वाला सिकंदर भी था. पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है, जिनसे उन्होंने संपर्क किया था और धर्म परिवर्तन कराने में कामयाब रहे थे.
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धर्मांतरण के बदले होती थी कमाई
आजमगढ़ के एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 25 मई को जब पुलिस मौके पर पहुंची तो कव्वाली और प्रवचन चल रहा था. आरोपियों पर यूपी गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध अध्यादेश के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि सिकंदर और अन्य लोगों ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि उन्होंने इस कार्यक्रम में लोगों को धर्मांतरण के लिए लामबंद किया था और उन्हें इस तरह की गतिविधियों के लिए धन प्राप्त हुआ था.
इस बीच धर्मांतरण से इनकार करने पर गर्भवती दलित महिला के साथ बलात्कार किया गया और बाद में जहर देकर उसकी हत्या कर दी गई. स्थानीय अस्पताल में कार्यरत मृतका तीन माह की गर्भवती थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला के संबंध आरोपी मोहम्मद नावेद के साथ थे, जिसने खुद को हिंदू बताया था. महिला को नावेद और उसके दोस्त फरहाद खान ने शनिवार रात गंभीर हालत में शाहजहांपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. नावेद ने अस्पताल के कर्मचारियों से कहा वह उसकी पत्नी जोया सिद्दीकी है.
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हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों को उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं क्योंकि जब उन्हें पता चला कि महिला की मौत हो गई है तो दोनों ने भागने की कोशिश की. दोनों को यह पता चलने के बाद गिरफ्तार किया गया था कि उन्होंने अस्पताल के रिकॉर्ड में गलत जानकारी दर्ज कराई थी.
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