उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा (Rajya Sabha Elections) सीटों पर हो रहे चुनाव में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ 'खेला' हो गया. वोटिंग शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के चीफ व्हिप और ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पार्टी के 8 और विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी. इसके चलते सपा के तीसरे राज्यसभा उम्मीदवार के जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इसके संकेत दिए हैं.
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी और ये जानने की कि कौन-कौन दिल से PDA के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. अब सब कुछ साफ है, यही तीसरी सीट की जीत है.'
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BJP ने अपनाए सभी हथकंडे
अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग इस स्थिति में फायदा उठाना चाहते हैं, वे छोड़कर चले जाएंगे. उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया. अखिलेश ने कहा, ‘जो स्थिति का फायदा तलाश रहे हैं वो छोड़कर चले जाएंगे. जिनसे वादा किया गया होगा वे जाएंगे. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग किसी की राह में कीलें बिछाते हैं या दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वो एक दिन खुद गिर जाते हैं. बीजेपी इस चुनाव को जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है.
सपा प्रमुख ने कहा कि किसी को सुरक्षा की चिंता होगी, किसी को धमकाया गया होगा, किसी को कुछ और कहा गया होगा और जिसके अंदर लड़ने का साहस नहीं होगा वही जाएंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. आप देख चुके हैं कि चंडीगढ़ में सीसीटीवी कैमरों के सामने क्या हुआ? मैं उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देता हूं जिसने संविधान को बचाया. भाजपा चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है. उसने कुछ लाभ का आश्वासन (कुछ विधायकों को) दिया होगा. भाजपा जीतने के लिए कुछ भी करेगी.’
आखिरी उम्मीदवार की जीत के लिए खेला
बता दें कि सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय और 7 अन्य विधायक मुकेश वर्मा, महराजी प्रजापति, पूजा पाल, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह बैठक में शामिल नहीं हुए. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने स्वीकार किया था कि आठ विधायक पार्टी प्रमुख द्वारा बुलाए गए रात्रिभोज और बैठक में शामिल नहीं हुए थे. हालांकि, उन्होंने विधायकों का नाम नहीं बताया था. राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आठ और समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. बीजेपी के 7 और सपा के 2 उम्मीदवारों की जीत तो पक्की है. लेकिन आखिरी उम्मीदवार की जीत लिए कॉस वोटिंग का खेला हुआ.
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