देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा पास कर सुलतानपुर के भाई-बहन ने इतिहास रच दिया है. उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर का यह परिवार मिसाल बन चुका है. संघ लोक सेवा आयोग ने सहायक भविष्य निधि आयुक्त (APFC) का परिणाम घोषित कर दिया है. ये परिणाम 15 जुलाई को जारी किए गए हैं.
इस परीक्षा में पूरे देश में कुल 159 लोगों ने सफलता पाई हैं. उन्ही 159 में से सुल्तानपुर के ये भाई-बहन हैं. इन्होंने एक साथ इस परीक्षा को पास किया है. इस परिवार के 7 में से 5 बच्चे अधिकारी बन चुके हैं, और एक बेटा सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है.
सुल्तानपुर जिले के बरवारीपुर गांव के वंशराज द्विवेदी जीवन बीमा निगम में कार्य करते हैं. इनका सपना था कि उनके बच्चे इस मुकाम पर पहुंचे की आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन जाएं. अब उनका ये सपना पूरा हो गया है. वंशराज के परिवार को ऑफिसर्स फैमली कहते हैं.
वंशराज द्विवेदी के बेटे और बेटी (निखिल-प्रिया द्विवेदी) का एक साथ चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन विभाग में उपायुक्त पद पर हुआ है.
इस परिवार की सबसे बड़ी बेटी प्रियंका द्विवेदी ने अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडल हाशिल किया था. उसके बाद बड़े पुत्र रविशंकर द्विवेदी PCS अधिकारी बने. दूसरे नंबर पर निश्चय द्विवेदी सिविल सेवी की तैयारी में जुटे हुए हैं. तीसरे नंबर पर शिवम द्विवेदी चौरी चौरा में उपनिबंधक हैं.
चौथे नंबर पर निखिल द्विवेदी यूपी के आजमगढ़ में क्षेत्रीय वन अधिकारी थे. अब इनका चयन डिप्टी कमिश्नर पद के लिए हुआ है, और पांचवे नंबर पर निर्भय द्विवेदी अमेठी में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं. सबसे छोटी बिटिया प्रिया द्विवेदी का भी चयन डिप्टी कमिश्नर के पद पर हो गया है.
वंशराज द्विवेदी बताते है कि घर में पढ़ाई और शिक्षा के प्रति जागरूकता का महौल बनाने में बड़ी बिटिया डा. प्रियंका द्विवेदी और बड़े बेटे रविशंकर द्विवेदी का हाथ है. इन सभी की सफलता का श्रेय बड़ी बेटी और बेटे को पहले जाता है.
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