डीएनए हिंदी: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट 23 मई को घोषित किए गए. जिसके बाद 44वीं और 184वीं रैंक को लेकर 4 लोगों ने दावा कर दिया. अब इस मामले में UPSC ने जवाब दिया है. दरअसल, मध्य प्रदेश की आयशा फातिमा और आयशा मकरानी ने 184वीं रैंक को लेकर दावा किया. वहीं, हरियाणा और बिहार के रहने वाले तुषार नाम के दो लड़कों ने 44वीं रैंक का दावा किया.
अब यूपीएससी ने इन चारों उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे दावे पर बयान जारी किया है. उन्होंने आयशा मकरानी और तुषार के दावे को झूठा बताया है. वहीं, आयशा फातिमा और बिहार के तुषार कुमार की सफलता को सही बताया है. इसके साथ आयोग ने आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की बात कही है.
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यूपीएससी ने दावेदारों को दिया ऐसा जवाब
यूपीएससी ने बताया कि एमपी की आयशा मकरानी और हरियाणा के तुषार कुमार का दावा फर्जी है. इन्होंने नाम का आधार बनाकर गलत दावा किया है. इन दोनों ने अपने दावे को साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए. ऐसा करके मकरानी और तुषार ने सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया. ऐसे में उन पर अब एक्शन भी लिया जाएगा.
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आयशा फातिमा हैं वास्तविक उम्मीदवार
मध्य प्रदेश की देवास की रहने वाली आयशा फातिमा और अलीराजपुर की रहने वाली आयशा मकरानी ने अपना एडमिट कार्ड दिखाया था. दोनों ने ही कहा कि उन्होंने यूपीएससी 2022 की परीक्षा दी है और अब वह सफल हुई हैं. दोनों के ही एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर भी थे. हालांकि जांच के बाद पता चला कि आयशा मकरानी ने जाली एडमिट कार्ड तैयार किए थे. वह 2022 का प्रिलिम्स एग्जाम भी नहीं क्लियर कर पाई थी. यूपीएससी के मुताबिक, आयशा फातिमा वास्तविक उम्मीदवार हैं.
जानिए हरियाणा और बिहार के तुषार का मामला
हरियाणा के तुषार और बिहार के तुषार ने भी यूपीएससी 2022 के रिजल्ट आने के बाद रैंक को लेकर दावा किया. अब यूपीएससी ने बताया कि हरियाणा के तुषार प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही फेल हो गया और अगले चरण के लिए नहीं बढ़ सका. वहीं, बिहार के तुषार कुमार इंटरव्यू तक पहुंचे थे. अब वह सफल भी हुए हैं.
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