UPSTF के हाथ बड़ी सफलता लगी है. STF ने करीब एक महीने पहले हुई 2.81 करोड़ रुपए की ठगी का पर्दाफास कर दिया है. एसटीएफ ने पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर के साथ डिजिटल अरेस्टिंग कर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल पूरा मामला 1 अगस्त का है. इस केस में ठगों ने पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर लगभग 5 से 6 दिन तक डिजिटली अरेस्ट कर के रखा और 2 करोड़ 81 लाख रुपये खाते से उड़ा दिए. प्रोफेसर ने बताया कि एक अगस्त को किसी अनजान नंबर से कॉल आया था उसने खुद को सीबीआई अफसर बताया था. उसने मनी लॉन्ड्रिंग का केस लगाकर मुझे अपनी बातों में फंसा लिया था.
एसटीएफ ने जब पकड़े गए अभ्युक्तों से पूछताछ की तो उन्होंने कबूल किया कि ये पांचों लोग एक साथ लोगों के साथ साइबर फ्रॉड का काम करते थे. इन लोगों ने मिलकर पीजीआई लखनऊ की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट करके उनके साथ फ्रॉड किया था.
इन लोगों ने इसी तरह साइबर फ्रॉड के जरिए खूब पैसा इकठ्ठा किया और अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. ये लोग फिर किसी भी तरह से इन पैसो को कहीं इन्वेस्ट करके बाद में कैश में बदल लते थे और किसी को पता भी नहीं चलता था.
ये पांचों ठग इसी तरह फ्रॉड करके रुपयों को usdt में बदलकर उसे कभी भी कैश करवा लेते थे और कहीं नाम भी नहीं आता था. अब ये पांचों पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस रिकॉर्ड खंगाल रही है. पुलिस का मानना है कि ये लोग पहले भी इस तरह की बड़ी ठगी को अंजाम दे चुके होंगे.
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