Uttar Pradesh के इन जिलों में भी लागू होगा कमिश्नरेट सिस्टम, योगी सरकार का ऐलान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 25, 2022, 12:46 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया है.

गौतमबुद्धनगर, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी के बाद अब गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया गया है.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के तीन जिलों गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है. शुक्रवार सुबह योगी कैबिनेट की मीटिंग में गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा को कमिश्नरेट बनाए जाने का फैसला लिया गया. इन तीनों ही जिलों में आज ही पुलिस कमिश्नरों की तैनाती की जाएगी. योगी सरकार ने इससे पहले देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कौनपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागूकर चुकी है. गौरतलब है कि विभिन्न सरकारी कमेटियां ऐसे शहरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की वकालत कर चुकी हैं जहां जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और वहां की कुल जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है.

तीनों जिले घोषित किए जाएंगे 'मेट्रोपोलिटन एरिया'
योगी सरकार के नगर नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज तीनों जिलों को पहले 'मेट्रोपोलिटन एरिया' घोषित किया जाएगा. उसके बाद इन तीनों जिलों में पुलिस कमिश्‍नरेट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा. आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में राज्य के कुल 7 जिलों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.

What is the Police Commissionerates System?
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में एक जिले को पुलिस की दृष्टि से दो हिस्सों में बांट दिया जाता है. इसमें जिले का वह इलाका जहां शहर बसा हुआ है और जनसंख्या बहुत ज्यादा है वहां डीएसपी की जिम्मेदारियां कमिश्नर ऑफ पुलिस को ट्रांसफर हो जाती है. इसके अलावा जिले में क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित डीएम, सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट्स की पॉवर भी पुलिस कमिश्नर को ट्रांसफर हो जाती हैं.

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Dual Sytem में क्या हैं समस्याएं?
इस पुलिस प्रणाली के तहत, जिले में कानून व्यवस्था के रखरखाव से संबंधित किसी भी ऑपरेशन को चलाने के लिए पुलिस के अधिकारियों को मजिस्ट्रेट से परमिशन लेनी पड़ती है. यह पुलिस के काम पर असर डालता है. इस सिस्टम में दंगे या विषम हालातों में लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित किसी भी समस्या में जिम्मेदारी तय करना कठिन होता है.

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