डीएनए हिंदी: बिजली के बिल या मीटर में गड़बड़ी की खबरें अक्सर आती हैं. कई बार तकनीकी गड़बड़ी के कारण हजारों लाखों का बिल (Electricity Bill) आ जाता है. उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में विचित्र घटना घटी है. इन गांवों में न तो बिजली की तार है और न ही कहीं पर खंभे गड़े हैं. इसके बावजूद, इन गांवों के दर्जनों लोगों को 60,000 रुपये का बिजली बिल भेज दिया गया है. यह मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के झिनझाना क्षेत्र का है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको बिजली कभी मिली नहीं लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोगों को 30 हजार से लेकर 60 हजार तक के बिजली बिल भेजे जा रहा हैं. इस तरह की विभागीय लापरवाही के चलते गांव वालों में भारी रोष है. उन्हें यह भी नहीं समझ आ रहा है कि इसकी शिकायत किससे और कैसे करें. कुछ लोगों का कहना है कि कई साल पहले उनके घरों में बिजली के मीटर लगाए गए थे. बिजली विभाग के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था उन्हें बिजली का कनेक्शन और मीटर फ्री में दिया जाएगा. बिजली तो कभी नहीं आई लेकिन बिल आने लगा.
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बिना बिजली के ही लगा दिए गए हैं मीटर
शामली जिले के के इन गावों के नाम खोकसा, अलाउद्दीनपुर, दुधली, डेरा भगीरथ, नया गांव आदि हैं. इन गांवों में ज्यादातर लोग बावरिया समुदाय के हैं. पिछली कई सरकारें बावरिया समुदाय के लोगों को 'मुख्यधारा' में लाने की कोशिशें कर रही हैं. इसी क्रम में बिजली लगवाने की भी कोशिश की गई. हैरानी की बात यह है कि बिजली लगाए बिना ही मीटर लगा दिए गए.
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खोकसा गांव में लगभग 250 लोग रहते हैं. तीन-चार साल पहले यहां बिदली के मीटर लगाए गए और वादा किया गया कि जल्द ही बिजली भी आएगी. बिजली कभी नहीं आई लेकिन पिछले हफ्ते बिजली विभाग के कर्मचारी आए. इन लोगों ने हर मीटर के लिए 50 से 60 हजार रुपये के बिजली बिल लोगों को थमा दिए. खोकसा की तरह ही अगल-बगल के कई गांवों में लोगों को बिना बिजली के ही बिल भेज दिया है.
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