उत्तराखंड के मंदिरों का नया कानून, महिलाओं ने अगर पहने इतने प्रतिशत से कम कपड़े तो नहीं मिलेगी एंट्री

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 05, 2023, 06:18 PM IST

Shorts Cloths Banned in Temples

 Uttarakhand Temple Dress Code: महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा ने उत्तराखंड में अपने तीन मंदिरों में छोटे कपड़े पहने महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड में महानिर्वाणी अखाड़ा ने अपने मंदिरों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है. यह ड्रेस कोड महिलाओं के प्रवेश के लिए है. इस ड्रेस कोड के मुताबिक,   हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जिलों के मंदिरों में महिलाओं के शॉट्स पहनकर प्रवेश करने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पुरी ने कहा कि ऐसी महिलाओं को ही मंदिरों में प्रवेश की अनुमति होगी जिन्होंने 80 प्रतिशत तक शरीर ढंकने वाले कपड़े पहने हों. उन्होंने कहा कि महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा से जुड़े इन मंदिरों में यह प्रतिबंध तत्काल प्रभावी होगा.

 महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रविन्द पुरी ने कहा कि दक्ष प्रजापति मंदिर (हरिद्वार), टपकेश्वर महादेव मंदिर (देहरादून) और नीलकंठ महादेव मंदिर (ऋषिकेश) में छोटे कपड़े पहने महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा दशनाम नागा संतों से संबंधित है. अखाड़ा के अध्यक्ष पुरी ने कहा कि जल्द ही यह प्रतिबंध देश भर में अखाड़े से जुड़े मंदिरों में लागू किया जाएगा.

'छोटे कपड़ों को देखकर आती है शर्म'
प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता के संबंध में सवाल करने पर पुरी ने कहा, ‘कभी-कभी मंदिर आने वाले व्यक्तियों के कपड़े इतने छोटे होते हैं कि दूसरे लोगों को उन्हें देखकर शर्म आती है. हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर जिसे दक्ष प्रजापति मंदिर भी कहा जाता है, को भगवान शिव का ससुराल माना जाता है. दुनिया भर के लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. आज के युवा मंदिरों में ऐसे कपड़े पहन कर आते हैं जो शुचिता के प्रति उनकी उपेक्षा को दर्शाता है.’ 

ये भी पढ़ें- Wrestlers Protest: साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया नौकरी पर लौटे, पढ़ें अब आगे होने वाला है क्या

उन्होंने कहा कि ऐसे वस्त्रों से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और वे अकसर मंदिर समिति से इसकी शिकायत करते हैं. उन्होंने कहा कि लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर यह प्रतिबंध लगाया गया है और प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. इस प्रतिबंध का हरिद्वार के संतों ने समर्थन किया है. कथा व्यास मधुसूदन शास्त्री का कहना है, ‘मंदिरों की शुचिता एवं पवित्रता बनाए रखनी चाहिए और (मंदिर) परिसर में लोगों को उचित व्यवहार करना चाहिए. यह प्रतिबंध सनातन धर्म के अनुरुप है.' (भाषा इनपुट के साथ)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

uttrakhand news uttarakhand temple dress code