Uttarakhand: ड्रग्स वाला प्यार! नैनीताल में HIV का कहर, 20 युवक और 15 महिलाएं हुईं संक्रमित, जानें पूरा मामला

Written By राजा राम | Updated: Oct 30, 2024, 04:07 PM IST

उत्तराखंड से एक बेहद चौंकाने वाली खबर आई है. नैनीताल जिले के रामनगर इलाके में अचानक से एचआईवी (HIV)पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है. ताजा मामला ड्रग्स से जुड़ा हुआ है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है.

Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में एचआईवी संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने से इलाके में हड़कंप मच गया है. पिछले पांच महीनों में ही 19 नए एचआईवी पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. ये पूरा मामला एक नाबालिग लड़की से जुड़ा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह किशोरी ड्रग्स की लत की शिकार थी, जिसके कारण वह संक्रमित हुई और फिर कई अन्य लोगों में यह बीमारी फैल गई.

कैसे बन गए संक्रमण का शिकार
इस पूरे मामले के बाद जब उन सभी लोगों की काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई. इसी दौरान पता चला कि रामनगर की रहने वाली  17 वर्षीय किशोरी स्मैक की लत से जूझ रही थी. उस लड़की ने अपनी लत को पूरा करने के लिए कई युवकों को लालच दिया. काउंसलिंग के दौरान सामने आया कि यह किशोरी नशे की लत में थी और पैसों के लिए उसने कई युवकों को फंसाया. युवकों को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि वे एचआईवी पॉजिटिव हो चुके हैं. जिसके बाद युवक अनजाने में इस किशोरी के संपर्क में आए और एचआईवी पॉजिटिव हो गए. बता दें उनमें से कुछ शादीशुदा थे और बाद में उनकी पत्नियां भी इस संक्रमण का शिकार हो गईं.

काउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी है
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए तुरंत काउंसलिंग और इलाज की व्यवस्था शुरू कर दी है. नैनीताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीश पंत के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में रामनगर में एचआईवी के कुल 75 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन हाल के महीनों में इस संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक 19 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से अधिकतर युवा पुरुष हैं, जो एक ही किशोरी से संक्रमित हुए हैं.


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सेमिनार से जागरूकता की कोशिश
डॉ. पंत ने बताया कि एहतियात के तौर पर विभाग ने संक्रमित लोगों की काउंसलिंग शुरू की है और उन्हें एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दवाओं की भी निशुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने अब संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सेमिनार और शिविरों का आयोजन किया है. इन कार्यक्रमों में लोगों को एचआईवी और एड्स के बीच के अंतर, और इससे बचने के उपायों की जानकारी दी जा रही है.

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