डीएनए हिंदी: उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेक्स्यू ऑपरेशन जारी है. सुरंग के बाहर परिवार के लोग दिन-रात प्रार्थना में डूबे हैं और बस अपनों के सुरक्षित लौट आने की आस लगा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 41 जिंदगी को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए बड़ी-बड़ी बोरिंग मशीन काम पर लगाई गई हैं. विदेशी एक्सपर्ट भी काम पर जुटे हैं. उम्मीद की जा रही है कि सब कुछ सही तरीके से चला तो अगले दो दिनों में सभी मजदूरों को बचाया जा सकता है. 9 दिनों से उत्तरकाशी में ऑपरेशन चल रहा है और पूरे देश में इन मजदूरों के सुरक्षित लौट आने के लिए दुआएं और प्रार्थना भी हो रही है. 5 प्वाइंट में जानें अब तक का हर अपडेट:
1) सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को पाइप से खाने के लिए मुरमुरे, ड्राई फ्रूट्स, दवाइयां और ऑक्सीजन भेजे जा रहे हैं। चार इंच की पाइप लाइन फिलहाल मजदूरों की उम्मीद का सहारा है. डिहाइड्रेशन से बचाने वाला ओआरएस, विटामिन बी और विटामिन सी की गोलियों ने उन्हें जिंदा कर रखा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद जाकर रेस्क्यू का जायजा लिया है और पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार अपडेट्स ले रहे हैं.
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2) सुरंग के अंदर दो किलोमीटर के हिस्से में बिजली की सप्लाई अभी भी चल रही है जिसकी वजह से वहां से मजदूरों को रोशनी मिल रही है. टनल बनाने के दौरान वहां वॉटर पाइप लाइन बिछाई गई थी जिससे मजदूरों की वजह से पानी की व्यवस्था हो पा रही है. मजदूरों के पास टहलने और घूमने के लिए आसपास की थोड़ी जगह उपलब्ध है जिससे वह अपनी शारीरिक गतिविधियां जारी रख पा रहे हैं. इसके अलावा, एंटी ड्रिपेशन दवाइयां भी दी जा रही हैं.
3) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि श्रमिकों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. इसके लिए कुछ विदेशों से एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जा रही है. कुल 6 जगहों से ड्रिल किया जाएगा और पहला प्लान यह है कि आगर मशीन से सुरंग में 900 एमएम का पाइप को ड्रिल कर छत को मजबूत किया जाए. फिर सुरंग के आकार का रास्ता बनाकर फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. फिलहाल मलबा हटाने वाली मशीन भी तेजी से काम कर रही है.
4) टनल के बीच में 6 इंच का लाइफ सपोर्ट सिस्टम डाला जाएगा और रेस्क्यू टीम इसके अलावा टनल के पास बाई और दाईं ओर से भी ड्रिलिंग कर एक सुरक्षित टनल बना रही है जिससे मजदूर निकाले जाएंगे. हालांकि, अभी भी इस पूरी प्रक्रिया में दो दिन तक का वक्त लग सकता है और तब तक परिवार के सदस्यों की जान सांसत में है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लगातार रेस्क्यू की हर डिटेल पर नजर रख रहे हैं.
5) आरबीएनल, एसजीएनबी, टीएचडीसी और ओएनजीसी की टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा, सपोर्ट स्टाफ, मेडिकल टीम और इमर्जेंसी टीम भी पूरी तरह से मुस्तैद है.
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