डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सुरंग का एक हिस्सा धंसने से रविवार से ही लगभग 40 लोग फंसे हुए हैं. इन लोगों के फंसे हुए 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं और अभी भी किसी को बाहर नहीं निकाला गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमों का कहना है कि लोग अंदर सुरक्षित हैं और उन तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. सुरंग के टूटे हुए हिस्से में से मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें और डंपर लगाए गए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी), उत्तराखंड पुलिस, स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ-साथ कई अन्य एजेंसियां भी लगातार काम कर रही हैं. पीआरडी के एक जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया, 'रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत काफी तेजी से काम हो रहा है. हर कोई मेहनत कर रहा है. कल एक बार हम निराश हो गए थे क्योंकि फंसे हुए लोगों से हमारा संपर्क टूट गया था लेकिन अब हमने फिर से संपर्क स्थापित कर लिया है.'
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मलबा हटाने का काम जारी
हादसे के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीएम धामी को फोन करके हालात की जानकारी ली है. बताया गया है कि इस रोड का निर्माण NHIDCL करवा रहा है और उसके कर्मचारी भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. सबसे बड़ी समस्या यह है कि मलबा हटाने पर दोबारा मलबा आ जा रहा है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा सुरंग के मुहाने से 200 मीटर अंदर हुआ है. रविवार सुबह 5:30 बजे हुए इस हादसे में 40 लोगों के फंसे होने की बात बताई जा रही है. फिलहाल, सभी लोग सुरक्षित हैं. यह सुरंग लगभग 4 किलोमीटर लंबी है. अभी यह नहीं पता चल पाया है कि यह हादसा कैसे हुआ. सुरंग के अंदर फंसे लोगों तक ऑक्सीजन, पानी और खाने की चीजें पहुंचाई जा रही हैं.
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