Uttarakhand Tunnel Rescue: 41 परिवारों को मुस्कान लौटाने वाले इन 6 जांबाज की कहानी जान सलाम करेंगे 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 29, 2023, 02:35 PM IST

Uttarakhand Tunnel Rescue

Rat Miners Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. 41 परिवारों के चेहरे पर खुशी लाने में 6 रैट माइनर्स की टीम ने अहम भूमिका निभाई है.

डीएनए हिंदी: उत्‍तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम ने जी-जान लगाकर काम किया. लगातार कई दिनों तक पूरी टीम जुटी रही और ऑगर मशीन खराब होने के बाद हाथ से मलबा हटाने का काम किया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने में कई लोगों ने निस्‍वार्थ भाव से काम किया है. इनमें 6 रैट होल माइनर्स की टीम भी है. इन्होंने सफलतापूर्व सुरंग खोदा और 41 जिंदगियों को बचाने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी. सबसे खास बात यह है कि इस काम के बदले उन्‍होंने कोई पैसा नहीं लिया है. उनका कहना है कि इस काम को करने में उन्‍हें बहुत खुशी मिली है और वह अपने देशवासियों को बस सुरक्षित परिवार से मिलाना चाहते थे. 

उत्‍तरकाशी की सिल्‍क्‍यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए रैट माइनर्स की टीम किसी देवदूत की तरह उतरी. 6 लोगों की टीम ने सुरंग के आखिरी हिस्से में होल बनाने का काम किया जिसके बाद पाइप डाली जा सकी और मजदूरों का रेस्क्यू हुआ. इन मजदूरों ने जब अपने देवदूतों को देखा तो खुशी के मारे गले लगा लिया. पूरे देश को इस जांबाज टीम पर गर्व है. एनडीआरएफ, एसआरडीएफ के साथ भारतीय सेना के जवानों ने भी इस ऑपरेशन में अपना योगदान दिया है. 

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रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नहीं लिया कोई पैसा 
उत्‍तरकाशी की सिल्‍क्‍यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में सबसे अहम रोल रैट होल माइनर्स का रहा है. छह रैट माइनर्स ने तेजी से काम करना शुरू किया और आखिरकार मजदूरों तक पहुंचने में सफल रहे. सबसे खास बात यह है कि इस काम के बदले सुरंग का निर्माण करवा रही कंपनी नवयुग से कोई पैसे नहीं लिए हैं. रैट होल माइनर देवेंद्र ने बताया कि कंपनी ने सुरंग में होल करने के बदले हमें पैसे देना चाहती थी लेकिन हमने इनकार कर दिया. 

रैट माइनर्स थे मजदूरों की आखिरी उम्मीद, उन्होंने कर दिखाया चमत्कार 
रैट माइनर्स को प्राइवेट कंपनी ट्रेंचलेस इंजिनियरिंग सर्विसेज की ओर से बुलाया गया था. ये दिल्‍ली समेत कई राज्यों में वाटर पाइपलाइन बिछाने का काम कर चुके हैं. पाइपलाइन बिछाने के समय अपनी टनलिंग क्षमता का प्रदर्शन कर चुके हैं. हालांकि, उत्तरकाशी के सुरंग में रैट माइनिंग का काम थोड़ा अलग था लेकिन इन 6 जांबाजों की टीम ने असंभव लगने वाले काम को भी कर दिखाया. इसके बदले में कोई पैसा नहीं लिया है. 6 लोगों की टीम ने कहा कि हमारे सामने बस एक ही प्रश्न था कि किसी भी तरह से हमें अपने देशवासियों को सुरक्षित लौटाना है. 

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