Uttarkashi Tunnel Collapse: जानिए उन 41 मजदूरों के नाम, जो 17 दिनों तक टनल में फंसे रहे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 28, 2023, 08:21 PM IST

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Uttarakhand Operation Completed: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों के बाहर आने के बाद उन्हें माला पहनाई है. रेस्क्यू ऑपरेशन टीम ने सफलता मिलने के बाद खुशी जताई है.

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माण अधीन सुरंग का हिस्सा रहने से उसमें 41 मजदूर पिछले 17 दिनों से फंसे हुए थे. जिन्हें अब एक-एक कर सुरक्षित निकाला जा रहा है. पिछले 17 दिनों से 41 मजदूरों के बाहर आने का इंतजार कर रहे देशवासी खुशी मना रहे हैं. आंखों में आंसू लिए मजदूरों का इंतजार कर रहे परिवार वाले भी खुश नजर आ रहे हैं. 17 दिनों तक वक्त के खिलाफ चली लड़ाई को जीतने के बाद रेस्क्यू टीम भी खुश नजर आ रही है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि जो मजदूर टनल में फंसे हुए थे, उनके नाम क्या हैं. 

पिछले 17 दिनों से देश के 8 राज्यों के रहने वाले 41 श्रमिक सुरंग में फंसे हुए थे. जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरफ, एसडीआरएफ और देशभर की कई एजेंसियां लगी हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे. मजदूरों को निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे लोगों के लिए यह पल बेहद भाव कर देने वाला है.

जानिए मजदूरों के नाम

हम आपको देश के 8 राज्यों के रहने वाले इन 41 श्रमिकों का नाम बताएंगे. टनल के अंदर झारखंड के 15 लोग फंसे हुए थे. इसके साथ ही  यूपी के 8, उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का एक , बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हुए थे.

गब्बर सिह नेगी, उत्तराखंड
सबाह अहमद, बिहार
सोनु शाह, बिहार
मनिर तालुकदार, पश्चिम बंगाल
सेविक पखेरा, पश्चिम बंगाल 
अखिलेष कुमार, यूपी
जयदेव परमानिक, पश्चिम बंगाल
वीरेन्द्र किसकू, बिहार
सपन मंडल, ओडिशा
सुशील कुमार, बिहार
विश्वजीत कुमार, झारखंड
सुबोध कुमार, झारखंड
भगवान बत्रा, ओडिशा
अंकित, यूपी 
राम मिलन, यूपी
सत्यदेव, यूपी
सन्तोष, यूपी
जय प्रकाश, यूपी
राम सुन्दर, उत्तराखंड
मंजीत, यूपी
अनिल बेदिया, झारखंड
श्राजेद्र बेदिया, झारखंड
सुकराम, झारखंड
टिकू सरदार, झारखंड
गुनोधर, झारखंड
रनजीत, झारखंड
रविन्द्र, झारखंड
समीर, झारखंड
विशेषर नायक, ओडिशा
राजू नायक, ओडिशा
महादेव, झारखंड
मुदतू मुर्म, झारखडं
धीरेन, ओडिशा
चमरा उरॉव, झारखंड
विजय होरो, झारखंड
गणपति, झारखंड
संजय, असम
राम प्रसाद, असम
विशाल, हिमाचल प्रदेश
पु्ष्कर, उत्तराखंड
दीपक कुमार, बिहार


जश्न मना रहे हैं मजदूर के परिवारजन

इस खुशखबरी के सामने आने के बाद टनल में फंसे मजदूरों के रिश्तेदार और परिवार वाले ख़ुशी मना रहे हैं. मीडिया चैनलों से बात करते हुए एक मजदूर के रिश्तेदार ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा खुशी हमारे लिए क्या हो सकती है कि जिसे हम इतने दिनों से इंतजार कर रहे थे, वे सकुशल बाहर आ गए हैं. आपको बता दें कि टनल में 17 दिनों तक फंसे रहे मजदूरों के परिवार वाले बेहद परेशान थे. हालांकि रेस्क्यू टीम जिस तरह से काम कर रही थी, उससे सभी को अंदाजा था कि मजदूर सही सलामत सुरंग से बाहर आयेंगे. 

दिवाली के दिन हुआ था हादसा

उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर दिवाली के दिन ढह गया था, जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गए थे. इन्हीं मजदूरों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा था. समय बीतने के साथ-साथ लोगों के अंदर एक डर भी था कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी मजदूर अभी तक बाहर नहीं आ पाए हैं. देशवासी मजदूरों के सही सलामत बाहर निकलने की दुआ-प्रार्थना कर रहे थे. अब मजदूर सुरंग से बाहर आ चुके हैं तो सभी ने राहत की सांस ली है. सुरंग से निकाले जाने के बाद मजदूरों की मेडिकल जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बेड वाला एक अस्पताल तैयार किया गया है.

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